(सत्ता की शान)
शनिवार 18 फरवरी लखनऊ। शियों के सातवें इमाम हजरत मूसा काजिम अलैहिस्सलाम की शहादत के मौके पर शुक्रवार को शहर के तमाम इमामबाड़ों, कर्बलाओं और घरों में मजलिस-ओ-मातम के आयोजन के साथ इमाम के ताबूत की जियारत भी करायी गयी। वहीं शहर की अंजुमनों ने नौहाख्वानी व सीनाजनी करके इमाम की शहादत का गम मनाया। इस गम में अजादारों ने काले लिबास पहने व काले झंडे लगाये। इस दौरान पुराने शहर के इलाकों में अस्सलाम अलैका या मूसी-ए-काजिम, सैयदी मौला, सैयदी मौलाश् की सदाएं गूंजती रही। इसी क्रम में छोटा इमामबाड़ा हुसैनाबाद में श्असीर-ए-बगदाद का मातमश् शीर्षक से आयोजित मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना सैयद जाफर रिजवी इमाम अजमत व फजीलत बयान करते हुए कैदखाने में इमाम पर गुजरी मुसीबतों को बयान किया। मौलाना ने कैदखाने में इमाम (अ.स.) की शहादत का मंजर बयान किया तो अकीदतमंदों की आंखों से आंसू टपकने लगे। मजलिस के बाद हजरत इमाम मूसा काजिम (अ.स.) और हजरत अबु तालिब (अ.स.) के ताबूत की जियारत करायी गयी व पुले बगदाद का दिलसोज मंजर पेश किया गया। जिसे देखकर अजादारों की आंखों से जारो-कतार आंसू निकल पड़े। इस मौके पर मौलाना अम्बर आब्दी ने इमाम मूसा काजिम की जिंदगी पर रौशनी डाली। इसके साथ ही ईराक से आये परचम की जियारत भी करायी गयी। कार्यक्रम का आयोजन खादिमाने इमामे मूसा काजिम (अ.स.) ने किया था। हजरत अबुतालिब (अ.स.) की वफात की याद में इमामबाड़ा अबुतालिब हसन पुरिया में मजलिस का आयोजन इदारे गुलामाने अबुतालिब ने किया। मजलिस को मौलाना अबुतालिब मेहदी ने खिताब किया। मजलिस का आगाज कारी यूनुस हुसैन ने तिलावते कुराने पाक से किया। मजलिस के बाद अंजुमन गुंचाए मजलूमिया ने नौहाख्वानी की। मस्जिद हजरत वली उल अरुा मुफ्तीगंज में मौलाना कल्बे जव्वाद ने मजलिस को खिताब किया। नौबतखाना हुसैनाबाद में मौलाना शेर मोहम्मद नकवी ने मजलिस को खिताब किया।
इमाम मूसा काजिम की शहादत पर छोटे इमामबाड़े में मजलिस का आयोजन किया गया बाद मजलिस ताबुत बरामद हुआ
