आल इंडिया शिया हुसैनी फंड द्वारा आज शिया डिग्री कालेज में प्रेसवार्ता का आयोजन हुआ


पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र बन गया है. जहाँ लगातार शिया समुदाय को सिपाहे साहबा और अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठन निशाना बना रहे है। मौलाना यासूब अब्बास
अजादारी जुल्म और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की शिक्षा देती है.मौलाना सैफ अब्बास
(सत्ता की शान)
लखनऊ 24 नवम्बर लखनऊ (24 नवंबर) आल इंडिया शिया हुसैनी फंड द्वारा आज शिया डिग्री कालेज में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया।प्रेसवार्ता को शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास, मौलाना सैफ अब्बास, मौलाना एजाज अतहर, मौलना जाफर अब्बास और हुसैनी फंड के सचिव मेहदी हसन ने सयुंक्त रूप से संबोधित किया। प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए शिया धर्मगुरुओं ने बताया की हुसैनी फंड द्वारा 26 नवंबर शनिवार, को सुबह 10 ़30 बजे, शिया कालेज, नक्खास में “अहलेबैत कांफ्रेंस” का आयोजन किया जायेगा। इस कान्फ्रेंस का उद्देश्य सांप्रदायिक सौहार्द्र को बढ़ावा देना और आतंकवाद का विरोध करना आदि है। धर्मगुरुओं के अनुसार पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक और सीरिया के बाद अब ईरान आतंकवादियों के निशाने पर है. शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा की पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र बन गया है. जहाँ लगातार शिया समुदाय को सिपाहे साहबा और अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठन निशाना बना रहे हैं. मौलाना यासूब अब्बास ने कतर की निंदा करते हुए कहा की फीफा वर्ल्ड कप 2022 में जाकिर नायक को बुलाकर चरमपंथ को बढ़ावा दिया गया है. उन्होंने कहा जाकिर नायक के व्याख्यान इस्लाम विरोधी होते हैं और आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं. दुनिया भर में फैलते आतंकवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए मौलना जाफर अब्बास ने कहा की आतंकवाद को बढ़ावा देने में सऊदी अरब की बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और सऊदी मिलर आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं. मौलना जाफर अब्बास ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकियों को सऊदी अरब से आतंक फैलाने के लिए फंडिंग मिल रही है.अहलेबैत कांफ्रेंस के उद्देश्य पर बात करते हुए मौलाना एजाज अतर ने कहा की भारत के 08 करोड़ शिया नागरिक अपनी केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि वह सऊदी अरब सरकार पर “जन्नतुल बकी” के पुनः निर्माण के लिए कूटनीतिक दबाव बनाये. उन्होंने कहा कि “इस्लामिक स्टेट” इराक और सीरिया को तबाह करने के बाद ईरान को निशाना बना रहा है. मौलाना एजाज अतर ने कहा की शिराज के “शाह चेराग” में अक्टूबर में हुआ आतंकी हमला इसका एक उदहारण है. मौलाना सैफ अब्बास ने भी मीडिया से बात की और कहा कि सऊदी अरब के बाद अब पाकिस्तान के लौहार से चरमपंथ फैलाया जा रहा है. जिसका उद्देश्य अजादारी ए इमाम हुसैन (अरूस) को कमजोर करना है. क्योंकि अजादारी जुल्म और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की शिक्षा देती है. उन्होंने कहा कि भारत में भी कुछ लोग लौहार से मिल रही, इस्लाम, कुरान और अहलेबैत, विरोधी शिक्षा का प्रचार कर रहे हैं. हुसैनी फंड के सचिव मेहदी हसन ने कहा “अहलेश्बैत कांफ्रेंस” का एक उद्देश्य यह भी है कि भारत समेत पूरी दुनिया में अहलेबैत की शिक्षाओं को आम किया जा सके. उन्होंने कहा कि शिया समुदाय पैगम्बर ए इस्लाम हजरत मोहम्मद (सअ) और उनके अहलेबैत (परिवार वालों) के रस्ते पर चल कर दुनिया को शांति का सन्देश देना चाहता है. मेहदी हसन ने आगे कहा कि भारत में जैसी धार्मिक स्वंत्रता है कुछ तथाकथित इस्लामिक देशों में भी नहीं है. भारत में शिया खुलकर 02 महीने 08 दिन अजादारी करते हैं जबकि सऊदी अरब में इस पर पाबन्दी है और पाकिस्तन में अजादारी के जुलूसों और मजलिसों पर आतंकवादी हमले होते हैं.