लखनऊ। थाना तालकटोरा क्षेत्र स्थित राजाजीपुरम के एमआईएस चौराहे पर कार सवार पर दिनदहाड़े हुई फायरिंग के मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही उनके पास से घटना में इस्तेमाल हुई बाइक और पिस्टल भी बरामद कर ली है। वहीं इस घटना के खुलासे के लिए स्थानीय पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच व एसटीएफ की टीम को भी लगाया गया था। जिसके बाद इस घटना का खुलासा हो सका है। वहीं पुलिस इस मामले में आरोपियों से कई बिंदुओं पर भी पूछताछ कर रही है कि आखिर इस घटना को अंजाम देने के पीछे का कारण क्या है।
मिली जानकारी के मुताबिक 15 दिसंबर को हुई राजाजीपुरम के एमआईएस चौराहे के पास हुई ताबडतोड फायरिंग के मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में बदमाशों ने घटना को अंजाम देने के लिए चोरी की बाइक का इस्तेमाल किया था। बाइक चोरी का मुकदमा पीजीआई कोतवाली में दर्ज है। घटना के समय पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए इन बदमाशों ने मोटरसाइकिल पर स्कूटी का नंबर डाल रखा था। घटना को अंजाम देने के बाद स्कूटी का नंबर बाइक से हटा दिया था। इसलिए कहीं भी उस नंबर की गाड़ी सीसीटीवी कैमरे में नहीं कैद हुई थी। इसका फायदा उठाकर बदमाश मौके से भाग निकले। पुलिस उस समय कैमरे में कैद हुई नंबर की गाड़ी को ढूंढ रही थी।
तालकटोरा पुलिस के ने बताया राजाजीपुरम में हुई फायरिंग के मामले में तीन बदमाशों को तालकटोरा के बी ब्लॉक के टूटी दीवार स्थान से गिरफ्तार किया है। जिस में पकड़े गए बदमाशों की पहचान अभिषेक, पंकज, अमन के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया है इन बदमाशों में अभिषेक इससे पहले भी कई मामलों में जेल जा चुका है, और यह मुख्य आरोपी शूटर है। फिलहाल इस मामले पर जांच की जा रही है। बताया यह है कि बदमाश शातिर किस्म के अपराधी हैं बच्चे के सामने आते ही भागे थे बदमाश।
वही डीसीपी पश्चिम देवेश कुमार पांडे ने बताया कि 15 दिसंबर को यह बदमाश हत्या करने के इरादे से आए हुए थे। एक एक हफ्ता लगातार रंजीत यादव की इन बदमाशों द्वारा रेकी की गई थी। जिसके बाद ही इस घटना को अंजाम दिया गया। उन्होंने बताया की बदमाशों ने पूछताछ पर बताया घटना के समय जब फायरिंग की गई थी। उसी दौरान एक बच्चा सामने आ गया। उनको बचाने के कारण यह लोग मौके से भाग निकले थे। भागने के बाद सभी बदमाश अलग-अलग जनपदों में छिपकर रह रहे थे। डीसीपी पश्चिम ने बताया कि बदमाशों द्वारा एक बार हत्या में भी फेल होने के बाद अलग-अलग जनपदों में पुलिस से छुप कर रहे थे। मुखबिर की सूचना पर बदमाशों गिरफ्तारी कर लिया गया है, उन्होंने बताया कि पकड़े गए बदमाशों में अभिषेक सिंह आलमबाग से 302 यानी की हत्या के मामले में जेल जा चुका है। वहीं पंकज सिंह पर 308 का मुकदमा इससे पहले से दर्ज है। वही अमन सिंह थापा उर्फ भीम सिंह इस घटना में शामिल रहा है। मुख्य रूप से या लोग प्रॉपर्टी का काम करते हैं। फिलहाल इन लोगों से अभी पूरे मामले की जांच की जा रही है जिससे कुछ अहम सुराग भी हाथ लगेंगे।