कुकरैल नदी को उसके उद्गम स्थल अस्ति से गोमती नदी तक प्रदूषण मुक्त एवं पुनर्जीवित कराने का कार्य प्राथमिकता पर कराया जाये-मंडलायुक्त

कुकरैल नदी को उसके उद्गम स्थल अस्ति से गोमती नदी तक प्रदूषण मुक्त एवं पुनर्जीवित कराने का कार्य प्राथमिकता पर कराया जाये-मंडलायुक्त                                                                   लखनऊ कुकरैल नदी के किनारे विकसित किये जा रहे 4.50 किलोमीटर तक हरियाली, कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने व सौमित्र और शक्ति वन में किये जा रहे कार्यो का मंडलायुक्त द्वारा किया गया औचक निरीक्षण

कुकरैल नदी को उसके उद्गम स्थल अस्ति से गोमती नदी तक प्रदूषण मुक्त एवं पुनर्जीवित कराने का कार्य प्राथमिकता पर कराया जाये-मंडलायुक्पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ अभियान के अंतर्गत दिनांक 20 जुलाई को अयोध्या रोड अकबर नगर प्रथम कुकरैल नदी के किनारे होने वाले मुख्य वृक्षारोपण कार्यक्रम के दृष्टिगत मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब द्वारा कार्यक्रम स्थल का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान मौके पर लैंड स्केपिंग का कार्य होता पाया गया। मंडलायुक्त द्वारा बताया गया की कुकरैल नदी के किनारे साढ़े चार किलोमीटर की दूरी में हरियाली होगी। उन्होंने बताया की लगभग 25 एकड़ भूमि पर सौमित्र वन और शक्ति वन विकसित किये जायेगे, जिसमें प्राणवायु देने वाले पेड़ों की श्रंखला होगी। उन्होंने संबंधित को निर्देश देते हुए कहा कि लगाए जाने वाले पेड़ों के रख-रखाव व सिंचाई की व्यवस्था महत्वपूर्ण पद्धति के तहत कराया जाना सुनिश्चित किया जाये।निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने जनपद के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा की आज वन क्षेत्र कम होता जा रहा है, अतः हम सभी को वृक्षारोपण में बढ़ चढ़ कर भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पेड़ लगाए जाने के साथ ही साथ उनको सुरक्षित रखने की भी उतनी ही आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए तथा अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए पेड़-पौधे लगाना बहुत ज़रूरी है।मंडलायुक्त द्वारा बताया गया की आगामी 20 जुलाई, 2024 को कार्यक्रम स्थल पर वृह्द स्तर पर पौधरोपण का कार्यक्रम होना है, वृह्द वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम स्थल पर लगभग 10 हजार पौधे लगाये जाएंगे। जिसमे 6000 बड़े पौधे और 4000 छोटे पौधे मियावाकी पद्धति से रोपित किए जाएंगे। निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त द्वारा निर्देश दिए गए की कार्यक्रम में काफी संख्या में लोगो का आगमन होगा जिसके दृष्टिगत कार्यक्रम स्थल पर एंबुलेंस, पेयजल के टैंकर और मोबाईल शौचालयो की व्यवस्था को सुनिश्चित कराया जाए। मंडलायुक्त द्वारा निर्देश दिया गया की कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले लोगो की सुविधा के लिए पार्किंग की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए। साथ ही कार्यक्रम की भव्यता को देखते हुए क्राउड मैनेजमेंट प्लान बनाना सुनिश्चित किया जाए। मंडलायुक्त द्वारा बताया गया की वन क्षेत्र में शीशम, जामुन, बेल, अर्जुन, आम, इमली, आवंला, कटहल, अमरूद समेत 32 प्रजाति के पेड़ लगाये जाएंगे। इसके अलावा सर्पगंधा, एलोविरा जैसे 10 हर्ब प्रजाति और नींबू, करौंदा व चांदनी जैसे झाड़ी प्रजाति के पौधे रोपित किए जाएंगे।निरीक्षण में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार, प्रभागीय वन अधिकारी शितान्शु पाण्डेय समेत अन्य अधिकारी व अभियंता उपस्थित रहे।