शराब पीने वाले को जकात नहीं दी जा सकती। मौलाना सैफ अब्बास

शिया हेल्पलाइन 15 रमजान 26 मार्च 2024

कार्यालय आयतुल्लाह अल उज़मा सैय्यद सादिक़ हुसैनी शीराज़ी से जारी हेल्प लाइन पर नीचे दिए गये प्रश्नो के उत्तर मौलाना सैयद सैफ अब्बास नक़वी एवं उलेमा के पैनल ने दिए-
लोगों की सुविधा के लिए ‘‘शिया हेल्पलाइन’’ कई वर्षों से धर्म की सेवा कर रही है, इसलिए जिन मुमेनीन को उनके रोज़ा, नमाज़ या किसी अन्य धार्मिक समस्या के बारे में संदेह है, तो वह तमाम मराजए के मुकल्लेदीन के मसाएले शरिया को जानने के लिए सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे आप इन नंबरों 9415580936, 9839097407 पर तक संपर्क कर सकते हैं।
नोट- महिलाओं के लिए हेल्प लाइन शुरू की गयी है जिस मे महिलाओं के प्रश्नों के उत्तर खातून आलेमा देेगीं इस लिए महिलाओं इस न0 पर संपर्क करें। न0 6386897124

सवाल- अगर रोजेदार को अचानक जुहर से पहले सफर करना पड़े तो क्या हुक्म है? रोज़ा रखेंगा या तोड़ देंगा।
जवाब- एहतियाते वाजिब की बिना पर वह रोजा पूरा करेंगा और बाद मे कजा करेंगा और निर्धारित सीमा से पहले तोड़ने पर कफ़्फ़ारा अनिवार्य होगा।
प्रश्न- यदि कोई व्यक्ति रमज़ान के रोज़ों की कज़ा मे कई वर्षों की ताखीर कर दे तो क्या हुक्म है?
उत्तर-पहले वर्ष में एक मुद तआम फ़कीर को देना होगा, लेकिन शेष वर्षों में देरी करने के लिए कुछ वाजिब नही है
सवाल-क्या शराब पीने वाले या खुलेआम गुनाहे कबीरा करने वाले को जकात दी जा सकती है?
जवाब- ऐसे शख्स को जकात नहीं दी जा सकती।
प्रश्न- यदि कोई व्यक्ति बैठकर नमाज पढता है, तो उसके लिए आज़ाए सजदा की बजा आवरी संभव नहीं है, ऐसे मामले में क्या हुक्म है?
जवाब- बीमारी की वजह से अगर बैठ कर नमाज़ पढ़ने वाला आज़ाए सजदा की बजा आवरी ना हो रही हो तो कोई हर्ज नहीं, नमाज़ सही है।
प्रश्न- इस्लाम के इतिहास में 15वें रमज़ान का क्या महत्व है?
उत्तर- रमज़ान के 15वें दिन, हज़रत मुहम्मद की इकलौती बेटी के यहां उनके बेटे इमाम हसन (अ0स) का जन्म हुवा था।