शबे-कद्र पर 100 रकअत नमाज वाजिब की नियत से नहीं पढ़ी जाएगी. मौलाना सैयद सैफ अब्बास नक़वी

19 रमज़ार 30 मार्च 2024

कार्यालय आयतुल्लाह अल उज़मा सैय्यद सादिक़ हुसैनी शीराज़ी से जारी हेल्प लाइन पर नीचे दिए गये प्रश्नो के उत्तर मौलाना सैयद सैफ अब्बास नक़वी एवं उलेमा के पैनल ने दिए-
लोगों की सुविधा के लिए ‘‘शिया हेल्पलाइन’’ कई वर्षों से धर्म की सेवा कर रही है, इसलिए जिन मुमेनीन को उनके रोज़ा, नमाज़ या किसी अन्य धार्मिक समस्या के बारे में संदेह है, तो वह तमाम मराजए के मुकल्लेदीन के मसाएले शरिया को जानने के लिए सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे आप इन नंबरों 9415580936, 9839097407 पर तक संपर्क कर सकते हैं। एवं ईमेलः उंेंम स786/हउंपसण्बवउ पर संपर्क करें।
नोट- महिलाओं के लिए हेल्प लाइन शुरू की गयी है जिस मे महिलाओं के प्रश्नों के उत्तर खातून आलेमा देेगीं इस लिए महिलाओं इस न0 पर संपर्क करें। न0 6386897124

प्रश्न- क्या शबे-कद्र पर 100 रकअत नमाज़ वाजिब की नियत से पढ़ी जाएगी?
जवाब-शबे-कद्र पर 100 रकअत नमाज वाजिब की नियत से नहीं पढ़ी जाएगी। हालाँकि, यदि कोई व्यक्ति अपनी क़ज़ा नमाज़ अदा करता है, तो उसमें वाजिब की नियत रहेगी।
प्रश्न शब-अल-कद्र पर पढ़ी जाने वाली 100 रकात नमाज़ जमाअत के साथ पढ़ी जानी चाहिए?
उत्तर- यदि आप शबे-अल-क़द्र पर क़ज़ा की नियत से 100 रकअत नमाज़ पढ़ते हैं, तो आप जमाअत के साथ नमाज़ पढ़ सकते हैं, लेकिन 100 रकअत मुसताहब्बी नमाज जमाअत के साथ नहीं होगी।
सवाल- अगर कोई महिला अपने पति की इजाजत के बिना एतिकाफ करती है तो क्या यह एतिकाफ वैध होगा?
जवाब- अगर कोई औरत अपने पति की इजाज़त के बिना एतिकाफ करे और पति राजी न हो तो एतिकाफ सही नहीं होगा।
सवाल- क्या बेटों पर मां-बाप की कजा नमाज़ व रोजा रखना फर्ज है?
जवाब- बड़े बेटे के पर मां-बाप की नमाज़ और रोज़े रखना वाजिब है।
सवाल- क्या फितरा का पैसा गैर सैय्यद को दिया जा सकता है?
जवाब- अगर फितरा की रकम गैर सैय्यद को दी जाए तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सैय्यद का फितरा सैय्यद को भी दे सकते है।