मकान बनाने के लिए बैंक से लोन तभी मिलेगा, जब विकास प्राधिकरण से नक्शा पास होगा
शहरों में सिर्फ आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाकर उसपर मुहर लगवाकर लोग बैंकों में लोन के लिए आवेदन दाखिल कर देते हैं । बैंक भी सिर्फ जमीन की स्थिति और दस्तावेजों का परीक्षण करके लोन स्वीकृत कर देते हैं। शहरों में अवैध निर्माण पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सरकार अब नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इसके तहत विकास प्राधिकरण की सीमा में मकान बनाने के लिए बैंक से लोन तभी मिलेगा, जब विकास प्राधिकरण से नक्शा पास होगा नई व्यवस्था के लागू होने से जहां अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी, वहीं नक्शा पास करने के नाम पर घालमेल के खेल पर पाबंदी लगेगी यानि अब विकास प्राधिकरणों से नक्शा पास कराए बिना कोई भी बैंक लोन नहीं देंगे। सभी विकास प्राधिकरणों में यह व्यवस्था जल्द लागू होगी । इसके लिए आवास विभाग ने राज्य स्तरीय बैकिंग कमेटी को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है इस संबंध में आवास विभाग ने बैंकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। अब बैंकर्स अपने उच्च प्रबंधन से आवास विभाग के प्रस्ताव पर मंजूरी लेकर बैंकों में लागू कर देंगे इसके अलावा आवास विभाग शहरी क्षेत्रों में बन रहे बहुमंजिली इमारतों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिहाज से स्ट्रक्चरल सेफ्टी आडिट को अनिवार्य करने पर भी विचार कर रहा है । सभी बहुमंजिली इमारतों का सेफ्टी आडिट कराया जाएगा विकास प्राधिकरण में पंजीकृत आर्किटेक्ट और विकास प्राधिकरण कर्मियों की मिलीभगत के चलते यह कानून प्रभावी नहीं हो पा रहा है। वजह यह है कि बैंकों द्वारा आर्किटेक्ट के मुहर लगे नक्शे को ही विकास प्राधिकरण द्वारा पास नक्शा मानकर लोन स्वीकृत कर दिया जाता है। इसका फायदा उठाते हुए भूस्वामी भी प्राधिकरण कर्मियों से मिलकर बिना नक्शा पास कराए ही अवैध निर्माण करा लेता है लेकिन अब ऐसा नही हो पायगा इससे शहर मे हो रहे अवैध निमार्ण पे विराम भी लगेगा ।
अवैध निर्माण पे लगेगा विराम-मकान बनाने के लिए बैंक से लोन तभी मिलेगा, जब विकास प्राधिकरण से नक्शा पास होगा
