कुर्बानी से गरीबों की बहुत मदद होती है मौलाना खालिद रशीद
कुर्बानी से 20 लाख किसानों को रोजगार मिलता है।
लखनऊ, 29 जून। ईद-उल अजहा की नमाज प्रदेश की सबसे बड़ी और तारीखी ईदगाह लखनऊ में हुई। जिसमें लाखों मुसलमानों ने इमाम ईदगाह, लखनऊ नौलाना खालिद रशीद फरंगी महली चेयरमैन इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया की इमामत में नमाज अदा की।
ईद-उल-अजहा के मुबारक अवसर पर जहाँ लाखों मुसलमानों की आपसी भाई चारा, मजहबी जोश व खरोश और इस्लामी शान व शौकत का अजीन प्रदर्शन हुआ वहीं विभिन्न राजनैतिक व समाजिक लीडरों और उच्च अधिकारियों ने ईदगाह पहुँच कर इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली और तमाम मुसलमानों को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद पेश की जिससे वर्षो पुरानी हमारी गंगा जमनी सभ्यता का भी लुभावना प्रदर्शन हुआ।
ईद उल अजहा की नमाज से पहले मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने अपने सम्बोधन में ईद उल अजहा की अहमियत और कुर्बानी की तारीख और उद्देश्य और मौजूदा हालात पर रौशनी डाली।
मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि कुर्बानी दो नबियों हजरत इब्राहीम और हज़रत इस्माईल की यादगार हैं।
जिसका वर्णन खुदा पाक ने कुरान में विस्तार से किया है। ईद उल अजहा कुर्बानी और अमन का पैगाम देती है।
उन्होंने कहा कि बकरईद से बहुत बड़े पैमाने पर व्यापार को लाभ होता है और एक अंदाजे के अनुसार लगभग
20 लाख किसानों को इससे रोजगार मिलता है।
मौलाना ने कुर्बानी के बाद साफ सफाई का खास ख्याल रखने की अपील की। मौलाना ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के हालात पर रिपोर्ट जारी की है वह बहुत चिंताजनक है। 1 रिपोर्ट के अनुसार हर दस में से एक आदमी नूका रहता है और हर तीन में से एक आदमी को पेट भर खाना नही मिल रहा है। की रिपोर्ट के अनुसार भूक और डिप्रेशन की वजह से लोग बहुत बड़ी संख्या में जान गवाँ रहे हैं। वातावरण के सिलसिले में भी बहुत चिंता जनक रिपोर्ट है। यहाँ तक कहा कि The world is on the verge of a climate Catastrople” में गरीबी, भुकमरी, बेरोजगारी दूर करने के लिए हम सबको मिलकर जकात के सिस्टम को और मजबूत करना होगा। सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर छोटे छोटे बिजनेस लोगों को शुरू करने होगें। ग्लोबल वार्मिंग प्रदूषण और वातवारण के सुधार के लिए हर मस्जिद में और हर मस्जिद के चारों तरफ पौधारोपण उच्च स्तर पर करना चाहिए क्यों कि रसूल पाक सल्ल0 का फरमान है कि जो भी एक पेड़ लगायेगा जब तक उससे इंसान और जानवर फायदा उठाते रहेगें उस पेड़ लगाने वाले को सवाब मिलता रहेगा। मुसलमानों को अगर अपने देश में संवैधानिक अधिकार प्राप्त करना है और तरक्की करनी है तो हमें अपने बच्चों को उच्च से उच्च शिक्षा देने होगी। हमें अधिक से अधिक स्कूल कायम करने चाहिए।
नौलाना ने नमाज के बाद देश व प्रदेश की सुरक्षा, देश के विकास व उन्नति, अमन, भाई चारा, समृद्धि और कल्याण और विश्व में शान्ति, गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई के खात्मे के लिए दुआएं की और बारिश होने और अच्छे मौसम के लिए भी विशेष दुआ की।