आल इंडिया शिया पर्सनल लां बोर्ड की बैठक .इस्लाम औरत को इज्जत की निगाह से देखता है रास्ते का पत्थर ठोकर में रहता है– मौलाना यासूब अब्बास

आल इंडिया शिया पर्सनल लां बोर्ड की बैठक .हुसैनाबाद ट्रस्ट की सम्पत्तियां तबाह और बर्बाद हो रही है.मौलाना यासूब अब्बास
लखनऊ 25 मई आल इंडिया पर्सनल लां बोर्ड की कार्यकारिणी की एक बैठक आज सुल्तान-उल-मदारिस लखनऊ में बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद साएम मेहदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि मीडिया के जरिए ऐसी सूचनायें आ रही हैं कि देश में यूनिफार्म सिविल कोड बन रहा है और उसे लागू किया जाएगा इस सिलसिले में आल इंडिया पर्सनल लां बोर्ड का एक प्रतिनिधि मण्डल भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट करके यह स्पष्ट करेगा कि हम मुसलमान देश के कानून को मानते हैं और उस पर अमल करते हैं। लेकिन कुछ मामले ऐसे हैं जिनका ताल्लुक हमारे धार्मिक मामलात से है जिनके इस पाबन्द है और देश के संविधान ने इनको उसकी इजाजत भी दी है। संविधान में कोई बदलाव देश के लिए मुनासिब नहीं होगा धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के सम्बन्ध में मौलाना ने कहा कि हम अपने मुल्क के कानून और अदालत पर भरोसा है संसद ने 1991 में एक कानून पास किया जो एक्ट 1991 है यह एक्ट को बताता है कि 15 अगस्त 1947 को जिन धार्मिक स्थलों को जो हैसियत भी वह उसकी हैसियत बरकरार रहेगी और उसके साथ किसी भी प्रकार की कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। अतः तमाम देशोंवासियों को बरशिप एक्ट 1991 को मानना चाहिए। हिजाब के मसले पर मौलाना ने बताया कि लेकिन हीरा सुरक्षा में रहता है हिजाब या पर्दा केवल इस्लाम धर्म में ही नहीं ही बल्कि हिन्दु औरतें घूंघट निकालती है, सिख और इसाई धर्म में भी पर्दा है मौलाना ने कहा कि अगर स्कूल या कालेज में यूनिफार्म है तो मुसलमान बच्चियां यूनिफार्म को अपनाते हुए अगर सर से हिजाब करती है तो इस में कोई परेशानी नहीं होना चाहिए। हुसैनाबाद ट्रस्ट शियों सबसे बड़ा है ट्रस्ट है बड़ा इमामबाड़ा छोटा इमामबाडा भूलभुलैया हुसैनाबाद ट्रस्ट के अन्तर्गत आती है हुसैनाबाद ट्रस्ट की सम्पत्तियां तबाह और बर्बाद हो रही है हुसैनाबाद ट्रस्ट में कोई कमेटी नहीं है इसलिए उ0प्र0 सरकार हुसैनाबाद ट्रस्ट में स्कीम आफ मैनेजमेन्ट कमेटी को बनाए ताकि हुसैनाबाद ट्रस्ट की सुरक्षा हो सके। मौलाना यासूब अबास ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी जी से गुजारिश की है कि लखनऊ की जरदोजी काम पूरी दुनिया भर में पसन्द किया जाता है इसको बनाने वाले कारीगरों को उनकी मेहनत के पैसे नहीं मिल पाते जिससे उनको बहुत समस्याएं है इसलिए उनकी समस्याओं पर खास ध्यान दिया जाए और जरदोजी को एक इन्डस्ट्री घोषित किया जाए।