तहरीक-आज़ादी में उर्दू का बहुत बड़ा योग्यदानः मौलाना खालिद रशीद

तहरीक-आज़ादी में उर्दू का बहुत बड़ा योग्यदानः मौलाना खालिद रशीद
अन्तर्राष्ट्रीय यौम-ए-उर्दू के अवसर पर ‘‘जश्न उर्दू’’ का आयोजन
लखनऊ,
अन्तर्राष्ट्रीश् यौम-ए-उर्दू के अवसर पर उूर्द विभाग इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया में ‘‘जश्न उर्दू’’ के विषय से एक समारोह आयोजित हुआ। जिसमें उर्दू कान्फ्रेन्स, इकबाल सेमिनार, मुशायरा और उर्दू किताब मेला का एहतिमाम किया गया। इस का उद्घाटन इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने किया।
जश्न उर्दू के अवसर पर तीन सेशन का आयोजन हुआ। पहला सेशन  ø ø ø‘‘उर्दू कान्फ्रेन्स’’ के विषय पर हुआ जिसकी अध्यक्षता करते हुए डा0 मसूदुल हसन उस्मानी ने रघुपति सहाय, फराक गोरखपुरी, जमना दास अखतर, राम लाल, डा0 जगन नाथ आजाद, कृष्ण चन्द्र, कैफी आजमी, मौ0 मो0 अली जौहर और मौ0 अब्दुल माजिद दरियाबादी के वाकिआत की रौशनी में उर्दू की अहमियत पर विस्तार से रौशनी डाली। इस अवसर पर मौलाना दरियाबादी की पुस्तक ‘‘तारीख-ए-अख़लाक़’ यूरोप, और मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीक़ी की मौलाना अब्दुल माजिद दरियाबादी की कुरान फहमी’’ नाम की दो पुस्तकों का विमोचन हुआ।
उद्घाटनीय भाषण में मौलाना खाालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि देश की आजादी में उर्दू जबान का बहुत ही बुनियादी रोल रहा है। इसी जबान ने आजादी के मतवालों के अंदर इंक्लिाब जिन्दाबाद के जरिये जोश पैदा किया और ‘‘जय हिन्द’’ का नारा भी इसी जबान की देन है। अल्लामा इकबाल का तराना हिन्दी के जरिये से आज भी अवाम के अंदर वतन परस्ती और देश से प्यार का जोश पैदा होता है और उर्दू अखबारों के जरिये से आजादी के पैगाम और तहरीक को घर घर पहंुचाने का काम इस जबान ने किया है। सैंकड़ों शुआरा और मुसन्निफीन ने अपनी तहरीरों और अपने कलाम के जरिये से पूरी दुनिया में अपने देश का नाम रौशन किया है और यह सिलसिला आज भी जारी है।
इंटिग्रल विश्ववि़द्याल के प्रो0 वाइस चांसलर सै0 नदीम अखतर ने छात्रों में उर्दू से दिलचस्पी पैदा करने पर जोर दिया। जश्न उर्दू के कंवीनर मौ0 नईमुर्रहमान सिद्दीक़ी ने ‘‘उर्दू है जिसका नाम’’ के विषय पर अपना आर्टिकल पढ़ा। उन्होने कहा कि संविधान के धारा 8की 18 राष्ट्रीय भाषाओं में बोलने वालों की संख्या के ऐतिबार से उूर्द 6 स्थान पर है जबकि सच यह है कि इन भाषाओं में लोकप्रिय जबान उर्दू ही है।यह देश के हर भाग में बोली और समझेजाने वाली भाषा है। यूनेस्को के सर्वे के अनुसार चीनी भाषा के बाद और अंग्रेजी से पहले विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा उर्दू ही है।
प्रख्यात लेखक अहमद इब्राहीम अलवी ने कहा कि जरूरत इस बात की है कि उर्दू के मैदान में नौजवान दिलचस्पी लें। उन्होने पत्रकारिता को व्यापार का माध्यम बनाये जाने पर अफसोस प्रकट किया।
इस सेशन का संचालन प्रख्यात कवी वासिफ फारूकी ने किया।
दूसरा सेशन इकबाल सेमिनार के विषय पर आयोजित हुआ। जिसकी अध्यक्षता अहमद इब्राहीम अलवी ने करते हुए अल्लामा इकबाल को इस सदी का सबसे महान कवी करार दिया। अल्लामा इकबाल और उनके प्याम पर मौ0 नईमुर्रहमान सिद्दीक़ी ने अल्लामा की कई पुस्तकों और बच्चे की दुआ का वर्णन किया। इस अवसर पर डा0 रैहान अखतर कासमी अध्यापक दीनियात विभाग अलीगढ़ विश्वविद्यालय ने भी अपने विचार प्रकट किये। इस सेशन का संचालन करते हुए आतिफ हनीफ ने अल्लामा इकबाल और अलीगढ़ विश्वविद्यालय के आपसी संबन्ध का वर्णन किया।
तीसरा सेशन अंजुमन तरक्की उर्दू हिन्द के अध्यक्ष चौधरी शरफुद्दीन की अध्यक्षता में मुशायरे का हुआ। इसका संचालन रफत शेदा सिद्दीकी ने किया। और कई कवियों ने अपने अपने अशआर पेश किये।
इस अवसर पर किताब मेले का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर अल्लामा इकबाल की पुस्तकों का भी एक विशेष स्टाल लगाया गया।