क्या इजरायल या ईरान दोनों ही युद्ध नहीं चाहते हैं।

1 अक्तूबर को ईरान ने बड़ा हमला किया था। ईरान ने करीब 300 बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल के ऊपर दागी थीं, जिसमें से कई इजरायली क्षेत्र में गिरी थीं। कुछ मिसाइलें इजरायली हवाई बेस पर भी गिरी थीं। इजरायल के प्रधानमंत्री ने इन हमलों के बाद ईरान पर जवाबी हमले की कसम खाई थी।ईरान पर शनिवार तड़के हुए हवाई हमले के बाद ईरानी मीडिया ने इजरायली एयर अटैक से होने वाले नुकसान को ‘मामूली’ बताया और इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) पर हमले को लेकर बढ़ा-चढ़ाकर दावे करने का आरोप लगाया। ईरान की अर्ध-सरकारी तस्नीम समाचार एजेंसी ने एक सूत्र का हवाला देते हुए, उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि हमले में सैकड़ों इजरायली प्लेन शामिल थे। इसे इजरायल की ओर से अपनी कार्रवाई को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की कोशिश बताया गया। रिपोर्ट में आगे दावा किया गया कि हमलों के दौरान इजरायली लड़ाकू विमानों ने ईरानी एयर स्पेस में एंट्री नहीं की और हमलों से केवल ‘सीमित नुकसान’ हुआ।इजरायल के ईरान पर हमले के बीच बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि यहूदी देश ने तेहरान को पहले ही तीसरे पक्ष के जरिए संदेश भेज दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल हो या ईरान दोनों ही युद्ध नहीं चाहते हैं। इसी वजह से वे लोग कम मारे जाएं, इसके लिए कदम उठा रहे हैं। इजरायल ने जानबूझकर ईरान के तेल और परमाणु ठिकानों पर हमले से परहेज किया।