क्या एक दिन मिट जायगा मरसिया ख्वान व मरसिया सुखन मीर बबर अली अनीस की कब्र का नामों निशांन= कहां है उत्तर प्रदेश शिया सेन्ट्रल वक्फबोर्ड

(सत्ता की शान)
लखनऊ सोमवार 8 मई , जाकिर ए अहलेबैत मरसिया ख्वान व मरसिया सुखन मीर बबर अली अनीस की कब्र थाना सआदतगंज के चैपटियां मे बनी हुई है यह वह मीर अनीस है जो एहलेबैत को लेकर मरसिया लिखते थे जिनके आज मातम व मरसिया पड़े जाते है और जिसको सुनकर अहलेबैत के चाहने वाले अपने आंसू नही रोक पाते है लोगों के अनुसार यह जाकिर ए अहलेबैत मरसिया ख्वान मीर बबर अली अनीस की क्रब शिया सेन्ट्रल वक्फबोर्ड मे दर्ज है लेकिन इसपे शिया वक्फ बोर्ड कोई ध्यान नही देता है स्थनीय लोगों का कहना है कि चूंकि इस वक्फ की कोई आमदनी नही है जिसकी वजह से शिया वक्फबोर्ड का इसपे ध्यान नही जाता है अगर इस वक्फ की आमदनी होती तो और वक्फ की तरह यहां भी मुतावली बनने की मारामारी हो रही होती कहा की यदि इसी तरह चलता रहा तो मीर अनीस का एक दिन नाम भी गायब हो जायगा और स्थानीय लोगो का कहना है की जब यहां मजलिस होती है तो मीर अनीस के खानदान के कुछ लोग यहां पर आते है । कल यानी 7 मई को जाकिर ए अहलेबैत मरसिया ख्वान मीर बबर अली अनीस की बरसी की मजलिस चैपटियां में इनकी कब्र बनी है वहां पर मौलाना वसीम ज़ैदी ने मजलिस को खिताब किया और मौलाना वसीम जैदी ने मजलिस के बाद उनकी कब्र पर मजलिस मे आये लोगों द्वारा सुरेह फतेहा भी पड़वायी गई