रविवार 7 मई गुरुनानक मार्केट स्थित अवैध होटलों के मामले में एलडीए व नगर निगम से चार सप्ताह में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने जवाब मांगा है। इसमें इन होटलों को हटाने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने एक स्थानीय अधिवक्ता की जनहित याचिका पर अपना आदेश पारित किया। इसमें इन होटलों को हटाने की मांग की गई है। कोर्ट को बताया गया कि 1954 में पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को चारबाग में आश्रय देने के लिए सरकार ने जमीन व दुकानें आवंटित की थीं। वहां अब गुरुनानक मार्केट बन चुका है। याचिका में अपर नगर आयुक्त, लखनऊ नगर निगम के 29 जून, 2010 के पत्र का भी हवाला दिया गया है, जिसमें उक्त मार्केट में अवैध रूप से बने कुल 34 होटलों, लॉज, गेस्ट हाउस, गोदाम व कार्यालयों के संबंध में आवश्यक कार्रवाई की बात कही गई है। पूर्व के हादसों का उदाहरण देते हुए उक्त होटलों में आपराधिक गतिविधियों की बात भी कही गई है।17 दुकानों को होटलों में तब्दील किया जा चुका है और इसके लिए एलडीए व नगर निगम या किसी भी सरकारी विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई। ये होटल जिन गलियों में बनाए गए हैं, वे बहुत सकरी हैं। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने एक स्थानीय अधिवक्ता की जनहित याचिका पर अपना आदेश पारित किया। इसमें इन होटलों को हटाने की मांग की गई है। कोर्ट को बताया गया कि 1954 में पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को चारबाग में आश्रय देने के लिए सरकार ने जमीन व दुकानें आवंटित की थीं। वहां अब गुरुनानक मार्केट बन चुका है।