मौलाना यासूब अब्बास मौलाना सैफ अब्बास की मेहनत रंग लायी नखास स्थित शिया कालेज में हुई अहलेबैत कान्फ्रेंस देश भर के धर्मगुरु हुए शामिल

आल इंडिया शिया हुसैनी फंड की ओर से नखास स्थित शिया कालेज में हुई अहलेबैत कान्फ्रेंस
कांफ्रेंस में मदरसा निजमिया के प्रिंसिपल मौलाना हमीदुल हसन, मौलाना यासूब अब्बास, मौलाना सैफ अब्बास समेत देश भर के धर्मगुरु हुए शामिल

(सत्ता की शान)
लखनऊ 26 नवम्बर आल इंडिया शिया हुसैनी फण्ड द्वारा आयोजित चैथी अहले’बैत कांफ्रेंस में आये अतिथियों ने मुंबई में 26 ़ 11 2008 के आतंकी हमले में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा की हाफिज सईद जैसे आतंकियों को फांसी दी जाये। कांफ्रेंस में कहा गया कि इस्लामिक स्टेटश् इराक, सीरिया को बर्बाद करने के बाद अब शिया देश ईरान को निशाना बना रहा है।शिया डिग्री कालेज में शनिवार को हुई कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मौलाना यासूब अब्बास ने कहा की चरमपंथी आतंकवादी मानवता और शिक्षा दोनों के दुश्मन हैं।उन्होंने कहा यही कारण है कि अल-कायदा आदि शिक्षा संस्थाओं और वहाँ पढ़ने वाले मासूम बच्चों दोनों को अपना निशाना बना रहे हैं। मौलाना सैफ अब्बास से कहा कि क्योंकि शिया समुदाय हमेशा से आतंकवाद का विरोधी रहा है। इस लिए उस के धार्मिक स्थलों और कार्यक्रमों को निशाना बनाया जाता है। उन्होंने कहा पाकिस्तान के लाहौर में शिया समुदाय और भारत के खिलाफ षड़यंत्र तैय्यार की जाती है। कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि समाज को ऐसे लोगों का बहिष्कार करना चाहिए जो चरमपंथियों से प्रभावित होकर व्याख्यान देते हैं।कांफ्रेंस में मुंबई से आये मौलाना जहीर अब्बास ने कहा कि कतर द्वारा फीफा वर्ल्ड कप 2022 के जाकिर नाइक जैसे चरमपंथियों को बुलाना निंदनीय है। जाकिर नाइक के व्याख्यान इस्लाम और कुरान विरोधी होते हैं, जिस से आतकवाद को बढ़ावा मिलता है।सांप्रदायिक सौहार्द्र को बढ़ावा देने की बात करते हुए मौलाना जहीर अब्बास ने कहा कि विभिन्न धर्मों के बीच आपसी सौहार्द्र को बनाये रखने लिए जाकिर नाइक जैसे लोगों पर दुनिया भर पाबंदी लगाना चाहिए। हुसैनी फंड के सचिव हसन मेहदी ने कहा कि भारत में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता है और यहां शिया समुदाय खुलकर अपने धार्मिक कार्यक्रमों विशेषकर इमाम हुसैन की अजादारी (पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन का शोक) का आयोजन करते हैं। जबकि पाकिस्तान में आतंकवादी शिया समुदाय के धार्मिक स्थलों और कार्यक्रमों पर आतंकी हमले करते हैं और तथाकथित इस्लामिक देश सऊदी अरब में अजादारी पर पाबंदी है।म ने कहा की सऊदी अरब कि चरमपंथी सरकार ने पैगंबर हजरत मोहम्मद सहाब की बेटी के मजार (जन्नत ऊल बाकी) को 1926 विध्वंस कर दिया था, जो अभी तक दोबारा नहीं बना है। उन्होंने भारत सरकार से माँग करी कि वह आले सऊद हुकूमत पर जन्नत ऊल बाकी के पुनः निर्माण के लिए दबाव बनाये ।चैथी अहलेबैत कान्फ्रेंस में पास किये गये प्रस्ताव1.यह कान्फ्रेंस पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईराक, सीरिया और ईरान में किये जा रहे आतंकी हमलों पर कड़ा विरोध करते हुए यूएनओ से इन हमलों के विरूद्ध प्रस्ताव पास करने की माँग करती है। इसके अलावा इन देशों में शियों की जान-माल पवित्र धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की माँग करती है। 2. हमारे देश में पाकिस्तान से लगातार आतंकी हमले किये जाते है ये सम्मेलन इन आतंकी हमलों का कड़ा विरोध करता है। 3. सऊदी अरब के पवित्र शहर मदीना में हजरत मोहम्मद (स.अ.) की बेटी हजरत फातिमा (स.अ.) और उनके परिवारजनों (ऐहलेबैत) के पवित्र मजारों जन्नतुल बकी जो सऊदी सरकार द्वारा 1926 में ध्वस्त किये थे उनके पुनः निर्माण कराये जाने की माँग करता है। 4. ऐहलेबैत कान्फ्रेंस ने ऐहलेबैत (अ.स.) (पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के घर वाले) और अजादारी इमाम हुसैन के विरूद्ध चलायी जा रही तहरीकों (मूवमेंट) का कठोर शब्दों में विरोध करता है। 5. ये सम्मेलन ऐसे उलेमा- जाकिरों का विरोध करता है जो अजादारी इमाम हुसैन के विरोध में बयान देते हैं।6. भारत में पूरी तरह से सभी धर्मों को सभी तरह की स्वतंत्रता हैं। ये सम्मेलन शिया समुदाय से दुसरे धर्मों के साथ मेल-मिलाप और बढाने की अपील करता है। ताकि देश में देश में सभी धर्मों के बीच एकता, भाईचारा और शांति का मौहौल बना रहे।7. ऐहलेबैत (अ.स.) कान्फ्रेंस केन्द्रीय तथा प्रदेशों की सरकारों से अपनी सरकारी योजनाओ का लाभ शिया अल्पसंख्यकों को भी दिये जाने की माँग करता हैं।8. जम्मू-कश्मीर में शिया मुसलमानों की बड़ी आबादी है. सरकार जिस तरह और समुदायों को सरकारी सहायता, रोजगार ध् व्यावसाय, शिक्षा के क्षेत्र में मदद कर रही है। वहाँ के शियों को भी इन सरकारी स्कीमों में शामिल करें।9. देश में हमारी सरकारें जिस तरह से शिया मुसलमानों के धार्मिक आयोजनो में बेहतर सुरक्षा, बेहतर प्रबन्ध कराती है हम इस सम्मेलन द्वारा अपनी केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों का धन्यवाद प्रस्ताव पास करते है।10. इस्लामी देशों को देखते हुए भारत में धार्मिक स्वतन्त्रता है जिसके लिए भी धन्यवाद प्रस्ताव पास किया जाता है।