दारूल उलूम फरंगी महल का वार्षिक जलसा दस्तारबन्दी हुआ
लखनऊ, 16 मार्च।
शिक्षा ही हमारी उच्च जिन्दगी की जमानत है। कुरान पाक का पहला आदेश ही पढ़ने, सीखने और शिक्षा प्राप्त करने से सम्बन्धित है। मुबारक हैं वह लोग जो अपनी औलाद की शिक्षा दीक्षा की व्यवस्था करते हैं। इस राह में खूब मेहनत व कोशिश करते है। जो बच्चे कुरान पाक हिफ्ज करते हैं उनके लिए खुदा पाक ने बहुत बड़े सवाब का वादा किया है।
इन विचारों को नाजिम दारूल उलूम फरंगी महल मौलाना खालिद राशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने जाहिर किया। वह आज दारूल उलूम फरंगी महल के वार्षिक जलसा दस्तारबन्दी में सम्बोधन कर रहे थे।
मौलाना फरंगी महली ने कहा कि बच्चों ने जो कुरान पाक याद किया उसी में खुदा पाक ने कई आयतों में अपनी बनायी हुई कायनात पर सोच विचार करने का आदेश दिया है। उसके नतीजे में विभिन्न प्रकार के ज्ञान और साइंस व टिकानोलॉजी वुजूद में आयी। उन्होने कहा कि इसकी सबसे बडा उदाहरण इब्न सीना हैं जिन्होने बचपन में कुरान पाक याद किया उसके बाद साइंस के क्षेत्र में अपना योग्यदान पेश किया। उनके जरिये से दुनिया को नई मेडिकल साइंस का उपहार प्राप्त हुआ। यही कारण है कि आज दुनिया इब्न सीना को फादर ऑफ मेडिसिन के नाम से जानती है।
मौलाना फरंगी महली ने कहा कि आज भी जरूरत इस बात की है कि कुरान पाक को याद करने वाले बच्चे दुनियावी शिक्षा विशेषकर साइंस व टिकनोलॉजी की ओर विशेष ध्यान दें। उन्होने कहा कि इस शिक्षा के मिशन के लिए शाहाीन एकेडमी की स्थापना लखनऊ में हुई है जिसमें अन्य विधाथर््िायों के साथ हाफिज बच्चों को आधुनिक शिक्षा देने की व्यवस्था की गयी है ताकि मदरसों के बच्चे भी डाक्टर और इंजीनियर बनकर देश की सेवा कर सकें।
दारूल उलूम के प्रधानाचार्य मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीक़ी ने मदरसों के ऐतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दारूल उलूम निजामिया वह मदरसा है जिसको 1701 ई0 में अल्लामा निजामुद्दीन फरंगी महली ने कायम किया था जो देश का पहला मदरसा था।
दारूल उलूम के मौलाना सुफयान निजामी ने अपने सम्बोधन में कहा कि खुदा पाक ने अपनी पवित्र किताब को याद करने वालों और उस पर अमल करने वालों को दुनिया व आखिरत में कामयाबी की जमानत दी है।
मौलाना अतीकुर्रहमान ने कुरान पाक के पर बयान करते हुए कहा कि जो माता पिता अपने बच्चों को कुरान पाक याद कराते हें खुदा पाक उनको कयामत के दिन एैसा ताज पहनायेगा जिसकी रौशनी सूरज से भी ज्यादा होगी।
इस अवसर पर दारूल उलूम के विधाथियों अब्दुर्रहमान, अब्दुल्लाह शरीफ, अब्दुल्लाह अहमद, मो0 बिलाल, मो0 फैजान, अबुल बशर, मो0 अम्मार, मो0 जहीन, मो0 शुएैब, अब्दुल्लाह, असद मतीन और मो0 अब्दुल्लाह को कुरान पाक हिफ्ज करने पर सनद दी गयी और दारूल उलूम के नाजिम और अध्यापकों के हाथो से उनकी दस्तारबन्दी हुईं
जलसे का आरम्भ दारूल उलूम के अध्यापक कारी कमरुद्दीन की तिलावत कलाम पाक से हुआ और संचालन कारी मो0 हारून ने किया। इस अवसर पर दारूल उलूम के अध्यापक व विधार्थियों के साथ उनके सरपरस्त भी मौजूद थे।
शाहीन एकेडमी में मदरसों के लिए आधुनिक शिक्षा का प्रारम्भ: मौलाना खालिद रशीद
