अल्पसंख्यकों के संविधानिक अधिकारों में हस्तक्षेप ना किया जाये।

अल्पसंख्यकों के संविधानिक अधिकारों में हस्तक्षेप ना किया जाये।
अल्पसंख्यक दिवस के अवसर पर माइनॉरिटी डेवेलप्मेन्ट फोरम की कान्फ्रेंस
लखनऊ, 18 दिसम्बर।
अल्पसंख्यक दिवस के अवसर पर एक कान्फ्रेंस जिसका विषय ‘‘हिन्दुस्तान के संविधान में अल्पसंख्यकों के अधिकार’’ माइनॉरिटी डेवेलप्मेंट फोरम के अन्तर्गत मौलाना अली मियां हॉल मुम्ताज़ कालेज लखनऊ में हुई। इसकी अध्यक्षता डॉ0 सुल्तान शाकिर हाशमी ने की। और मुख्य अतिथि के रूप में अशोका विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने भाग लिया। और विशेष वक्ता के तौर पर सऊद रईस अधिवक्ता हाई कोर्ट, हरपाल सिंह जग्गी अध्यक्ष गुरूद्वारा कैन्ट, डॉ0 डोनाल्ड डिसूज़ा चांसलर क्रिश्चयन मिश्नरी, भन्ते ज्ञान लोक बुद्वा विहार शरीक हुए। कान्फ्रेंस के कन्वीनर और फोरम के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद सुफियान निज़ामी शरीक हुए। कान्फ्रेंस का संचालन एडवोकेट मो0 असलम नदवी ने किया। कान्फ्रेंस का आरम्भ क़ारी अब्दुल क़ादिर की तिलावत कलाम पाक से हुआ। इस अवसर पर फोरम की जानिब से मेहमानों को अनकी सेवाओं के लिये सनद दी गई।
कान्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ये बात बहुत अच्छी है कि हमारे मुल्क के संविधान ने इस मुल्क में रहने वाले अल्पसंख्यकों को अपने धर्म पर अमल करने और उसका प्रचार प्रसार करने की पूरी संवैधानिक आज़ादी दी है और इसके साथ ही भारत के संविधान ने अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद के शैक्षिक संस्थान क़ायम करने और उनको चलाने की पूरी आज़ादी दी है। ज़रूरत इस बात की है कि हम अवाम को संविधान में दिये गये अधिकारों से वाक़िफ करायें और सरकार पर ज़ोर दें कि हमको हमारे जाएज़ अधिकार हासिल करने में कोई रूकावट न पेश की जाये।
वक्ताओं ने कहा कि वही मुल्क तरक़्क़ी करता है जिस मुल्क में रहने वाले अल्पसंख्यकों के साथ सरकारें हक़ और इन्साफ का मामला करती हैं। और बहुसंख्यक के साथ साथ अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, उनकी शिक्षा, रोज़गार, कारोबार में हर तरह की मदद करती हैं।
इस अवसर पर वक्ताओं ने सरकार से मॉग किया कि अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों में टीचरों की खाली जगहों को भरने में विभिन्न विभागों की ओर से जो रूकावटें आती हैं उनको दूर किया जाये ताकि टीचरों की भर्ती ना होने से विद्यार्थियों का जो नुक्सान हो रहा है उसको खत्म किया जा सके जिससे कि इन शैक्षिक संस्थानों की शिक्षा को बेहतर किया जा सके।
वक्ताओं ने ये भी अपील की कि जिन इलाक़ों में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान नहीं हैं विशेषकर गांव के इलाक़ों में उनमें क़ायम करने की कोशिश की जाये। मेहमानों का शुक्रिया शेख़ राशिद अली मीनाई और डॉ0 सबा ने अदा किया।