इमाम सज्जाद ने गुलामों की बच्चे की तरह प्रशिक्षण की : मौलाना सय्यद अली हाशिम आबिदी
लखनऊ: गोलागंज स्थित तनज़ीमुल मकातिब परिसर में हज़रत इमाम ज़ैनुल अबिदीन अ०स० के जन्मदिवस और तनज़ीमुल मकातिब के स्थापना दिवस के अवसर पर एक सम्मेलन का आयोजन किया गया।
मौलवी मीसम रज़ा मूसवी ने पवित्र क़ुरआन की तिलावत से सम्मेलन की शुरुआत की उसके बाद मौलवी मोहम्मद सादिक हैदरी ने हज़रत इमाम ज़ैनुल अबिदीन अ०स० की प्रसिद्ध दुआ मकारूमुल अखलाक के कुछ अंश पढ़े।
मौलवी अली मोहम्मद मारुफी और मौलाना सय्यद कैफ़ी सज्जाद ने इमाम सज्जाद अ० में अशहार पढ़े।
मौलाना सय्यद ज़फ़र अब्बास और मौलाना निसार हुसैन ने मकालात पेश किए।
जामिया इमामिया के अध्यापक मौलाना सय्यद अली हाशिम आबिदी ने कहा कि इमाम सज्जाद ने एक लाख गुलाम खरीदे, उन्हें शिक्षा और प्रशिक्षण के बाद उन्हें अल्लाह के रास्ते में मुक्त किया, जो बाद में इस्लाम के प्रचारक बने। आपने कभी अपने किसी गुलाम को गुलाम नहीं समझा बल्कि हमेशा ऐ मेरे बेटे कहकर संबोधित किया यानी आपने गुलामों की बच्चे की तरह प्रशिक्षण की।
जामिया इमामिया के अध्यापक मौलाना मंज़र अली आरफी ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी के अधिकांश विश्वासियों की शिक्षा तनज़ीमुल मकातिब के मकतब में हुई है और अगर किसी ने मकतब में पढ़ाई नहीं की है तो कम से कम मकतब के दुर्लभ पाठ्यक्रम को पढ़कर धर्म की प्राप्ति हुई है संस्था का पाठ्यक्रम विश्वासों पर विशेष ध्यान देता है ताकि बच्चा बचपन में इतना मज़बूत हो जाए कि वह कभी भी त्रुटि की हवाओं से हिल न सके।
जामिया इमामिया के अध्यापक मौलाना सय्यद तहज़ीबुल हसन ने कहा कि इमाम सज्जाद के जीवन के बाद स्वतंत्रता और विभाजन के बाद जब ज़मींदारी का भी अंत हो गया था खतीबे आज़म मौलाना सय्यद गुलाम अस्करी ने पांच मकातिब से संस्था तनज़ीमुल मकातिब की स्थापना किया और आज अल्हमदुल्लिह इसकी विशाल सेवा आपके सामने है।
जामिया इमामिया के अध्यापक मौलाना फ़िरोज़ अली बनारसी ने दुआ करते हुए सम्मेलन का समापन किया।
सम्मेलन का संचालन मौलाना सय्यद अली मोहज़्ज़ब खेरद ने किया।