लखनऊ, 07 दिसम्बर मुतावली तालकटोरा सैयद फैजी द्वारा दिये गये एक न्यूज पेपर में ब्यान में के वसीम रिजवी की हयाती क्रब का पैसा 22560 घ्रू वसीम को चेक द्वारा वापस किया जायगा जिसको लेकर हुसैनी टाइगर्स के शमील शम्शी ने एक ब्यान देते हुए कहा की हुसैनी टाइगर्स के नौजवानों ने इस पाखंडी वसीम की हयाती कबर जब तोड़ी थी तो ये मुतवलली फैजी वसीम की तरफ से लड़ने मरने पर आमादा थे फैजी नें हुसैनी टाइगर के नौजवानों पर एफआइआर तक करा दी थी, फैजी मुर्रतद के साथ चुनाव लड़े दोनो ने बराबर वोट पाए फिर मुर्रतद ने इनको चेयरमैन का चुनाव लड़ाने का वादा किया फिर खुद को हारता देख ये अली जैदी के चुनाव के खिलाफ कोर्ट गए, अब जब देखा की चेयरमैन अली जैदी बन गए और खुद की मेम्बर शिप और मुतवल्ली पद दोनो जाने वाला है तो जितेन्द्र नारायण ंिसह त्यागी की कबर का पैसा लौटा रहे हैं। और शमील शम्शी ने कहा की जब फैजी नें 2010 में फैजी नें वसीम से जो 22560 रू लिये थे उसकी रसीद दिखायें और कहा की 22560 रू वसीम नें अगर करबला को डोनेशन दे के क्रब ली थी तो डोनेशन के पैसे वापस नही होते है। और अगर फैजी नें क्रब के नाम से पैसे लिये है तो उनके खिलाफ एफआइआर होगी। और शमील ने मौलाना सैफ अब्बास के दिये हुए ब्यान पे कहा की कहा की जो शिराजी ग्रुप लंदन से मोटी रकम पकड़े है और अपने ही खानदान के इमामबाड़े मे बनी कबरों को खोद कर इमारत बना दी, मुर्रतद के चुनाव के वकत इनको फोन किया जा रहा था की और कर मुर्रतद के खिलाफ वोट कर दिए तो कह रहे थे तबियत खराब है और फिर फोन बंद कर लिया इनका वसीम के खिलाफ वोट न देना शक के दायरे में आता है। मौलाना सैफ अब्बास से जब उनके द्वारा दिये के बारे में पूछा गया तो उन्होने कहा कि मैने सिर्फ 3 न्यूज पेपर में ब्यान दिया था और यह ब्यान जो शोशल मीडिया पे वायरल किया जा रहा है मै इसका खण्डन करता हूं यह ब्यान मैने नही दिया था और शमील की बात का जवाब देते हुए कहा की वक्फ बोर्ड के इलेक्शन से तीन दिन पहले पास मीसम और हिदायत नवाब मेरे पास आये थे और मुझसे कहा था की जनाब से बात कर लिए और मैंने मौलाना कल्बे जवाद से बात की थी और वसीम को हम लोगो ने वोट नही दिया था और हम लोग वैसे भी वसीम के खिलाफ थे।