लखनऊ। तनजीमुल मकातिब देश की एक ऐसी संस्था है जो लगभग 5 दशक से अधिक समय से कुरआन और हजरत मोहम्मद स०अ० के “एक ईश्वर की इबादत और संपूर्ण प्राणियों की सेवा” के संदेश को देश के 18 राज्यों के गाँवों और शहरों तक पहुँचा रही है, ताकि एक इंसान दूसरे इंसान को कष्ट और तकलीफ देने के बजाय एक दूसरे का सहारा बन जाये।
चूकि इस समय बड़ी तेजी से असामाजिक तत्वों का टोला कुरआन और हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स०अ० के पैगाम को मिस इन्टरप्रेट करके भ्रांतिया फैला रहा है और निरतंर यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि सारी समस्याओं की जड़ कुरआन और हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स०अ० का बताया हुआ संदेश है। और हमारे प्यारे देश के आपसी मेलमिलाप और भाईचारे को ख़त्म करके जिसके लिये हमारा मुल्क पूरी दुनिया में जाना जाता है आपस में लड़ाने पर लगा है।
ऐसा करके लोगों को बड़ी तेजी से गुमराह किया जा रहा है। यही वह बुनियादी वजह है कि हमारी संस्था तनजीमुल मकातिब ने अपने ही प्रांगण में दिनांक 10, 11 और 12 दिसम्बर को एक तीन दिवसीय कान्फ्रेंस का आयोजन किया है। जिसमें विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु एवं बुद्धिजीवी सम्मिलित होंगे। जिसका शीर्षक “एक ईश्वर की इबादत और मानवता की सेवा कुरआन और मोहम्मद का संदेश” रखा गया है।
धर्मगुरू एवं बुद्धिजीवी अपने-अपने विचार प्रकट कर के विभिन्न धर्मो के मानने वालों को एक दूसरे के करीब लाने और भाई चारे को बढ़ाने का कार्य करेंगे। इस कान्फ्रेंस में देश के बड़े बड़े रिसर्च स्कालर्स अपने अपने लेख भी प्रस्तुत करेंगे और उन लेखों को संग्रहित करके एक स्मारिका भी प्रकाशित की जायेगी ताकि वह लोग जो नहीं जानते हैं वह यह जान सकें कि इस्लाम जात पात, काले, गोरे का फर्क मिटा कर एक ईश्वर की इबादत और संपूर्ण प्राणियों की सेवा के संदेश के साथ जियो और जीने दो की शिक्षा देने के लिए आया है। कुरआन और हजरत मोहम्मद मुस्तफा स०अ० का पैग़ाम एक इंसान को दूसरे इंसान से टकरा कर राज करने के लिए नहीं बल्कि एक दूसरे को जोड़ कर अम्न, शांति, न्याय एवं भाई चारा स्थापित करने के लिए आया है। कुरआन और हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स०अ० की शिक्षा बेगुनाहों की जान लेने के लिए नहीं है बल्कि बिना किसी भेद भाव के लोगो की जान बचाने के लिए है।
अल्काएदा, दाईश, तालिबान बोकोहराम जैसे आतंकवादी संगठन कुरआन और हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स०अ० के बताये हुए मार्ग पर चलने वाले नहीं हैं बल्कि कुरआन और हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स०अ० के संदेश के कट्टर विरोधी हैं, इन्ही बातों को ईश्वर के अंतिम ग्रन्थ कुरआन और ईश्वर के आखिरी दूत (पैगम्बर) हज़रत मोहम्मद मुसतफा स०अ० ने दुनिया भर के इंसानों के सामने पेश किया है परंतु धर्म, रंग, नस्ल, जबान और मुल्क के नाम पर सत्ता सुख प्राप्त करने वाली चरित्रहीन और शांति एवं न्याय विरोधी शक्तियाँ कभी इस्लाम का चोला ओढ़ कर कुरआन और हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स०अ० के नाम को बदनाम कर रही हैं तो कभी खुले आम कुरआन और हजरत मोहम्मद मुस्तफा स०अ० का विरोध करने के लिए दोनो पर कीचड़ उछाल रही हैं जिनके द्वारा फैलाई हुई हर तरह की भ्रांतियों एंव प्रोपेगण्डे को दूर करने के लिए इस कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया हैं, ताकि भ्रांतियाँ दूर हों और हमारे प्यारे देश की गंगा जमुनी तहज़ीब और भाई चारा मजबूत हो और कायम रहे।