6 दिसम्बर को महाआंदोलन कर सार्वजनिक भिक्षा मांगेंगे स्वच्छताग्राही कर्मचारी


(सत्ता की शान)
लखनऊ, 04 दिसम्बर।स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) स्वच्छताग्राही कर्मचारी 15 नवम्बर से राजधानी के ईको गार्डन में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। एक दिसम्बर को आक्रोशित स्वच्छताग्राहियों ने अर्धनग्न प्रदर्शन कर सरकार को चेतावनी दी थी।
ये कर्मचारी नियमित वेतन तथा राज्य कर्मचारी का दर्जा पाने के आंदोलित हैं। प्रदेश अध्यक्ष रमाशंकर तिवारी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट था जिसके लिए हमें प्रशिक्षण भी दिया गया था और हम लोग गांव गांव जा कर जागरूकता अभियान चला रहे थे लेकिन योगी सरकार ना तो हमें नियमित वेतन दे रही है और ना ही राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जा रहा है। धरने के 15 दिन बीत जाने पर हम लोगों ने अर्धनग्न प्रदर्शन किया, तब से पुलिस प्रशासन और भाजपा नेता हमारी बात तो जरुर सुन रहे हैं लेकिन मांगे पूरी करने की दिशा में कार्यवाही नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगे अनुचित है तो चार साल पहले 58 हजार कर्मचारियों का प्रशिक्षण करवा कर नौजवानों का भविष्य क्यों अंधकारमय किया गया, 6 दिसम्बर को महाआंदोलन करते हुए सार्वजनिक भिक्षा मांगने का कार्य भी करेंगे।
लंबे समय से बसों की खरीद नहीं हुई थी। साथ ही प्रदूषण के चलते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से पुरानी बसें हटाई जा रही हैं। इन बसों को गाजियाबाद क्षेत्र से जोड़ते हुए तय मार्गों पर इसे चलाया जाएगा। इससे रोज करीब आठ हजार यात्रियों को लाभ होगा और उनकी राह आसान होगी। बसों की खरीद के लिए टेंडर अपलोड कर दिया गया है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही 22 तक इस पर अंतिम मुहर लग जाएगी। इसके बाद चेसिस खरीद जल्द से जल्द से पूरी कर ली जाएगी। उसके बाद बाडी निर्माण पूरा कराया जाएगा। करीब तीन माह में बसों को रूट पर ले आया जाएगा। -संजय शुक्ला, मुख्य प्रधान प्रबंधक प्राविधिक कोरोना काल से बसों की खरीद प्रक्रिया थमी थी। बेड़ा निरंतर घट रहा था। साथ ही एनसीआर क्षेत्र की आवश्यकताओं को देखते हुए खर्चों में कटौती करते हुए बजट जुटा बस निर्माण की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। इसी वित्तीय वर्ष में बसों को परिवहन निगम की फ्लीट में शामिल कर लिया जाएगा जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी।