मौलाना कल्बे सादिक साहब एकता और एकजुटता के प्रतीक थे. मौलाना सैफ अब्बास

प्रेस विज्ञप्ति
मौलाना कल्बे सादिक एकता एवं एकजुटता के प्रतीक थे-मौलान सैफ अब्बास
लखनऊ, 26 नवंबर, 2020 मौलाना सैफ अब्बास की अध्यक्षता में गुफरानमाआब फाउंडेशन द्वारा एक शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा की शुरुआत मौलाना तसव्वुर हुसैन की तिलावत से हुई। शोक सभा को संबोधित करते हुए मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि खानदाने इज्तिहाद के (अभिभावक) सरपरस्त मौलाना कल्बे सादिक साहब एकता और एकजुटता के प्रतीक थे। उन्होंने समाज के हर वर्ग को मानवता, एकता और प्रेम का संदेश दिया और समाज के हर वर्ग को एकजुट करने की हमेशा प्रयास किया। हकीम-ए-उम्मत विशेषताओं का एक समुद्र थे जिसका वर्णित नहीं किया जा सकता है। अनाथों, गरीबों की देखभाल, बीमारों का इलाज, ज्ञान का प्रचार व प्रसार सब कुछ प्रमुख गतिविधियाँ हैं जो सब लोग जानते है।
मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि हकीम-ए-उम्मत का निधन पूरी राष्ट्र का नुकसान है लेकिन मुझे बहुत व्यक्तिगत नुकसान हुआ है क्योंकि हमने कई अवसर पर उनसे सलाह ली है और उन्होंने हमारी सरपरस्ती भी की है। अप्रैल 2018 के पहले सप्ताह में, गुफरानमाब फाउंडेशन की ओर से गुफरा मआब की मजलिस को संबोधित करने के लिए आए थे, जब कि मौलाना कल्बे सादिक बिमार थे। मै यह समझता हूं कि इस मजलिस के बाद उन्होंने एक-दो मजलिस पढ़ी। जब भी मैं उनसे बचपन से लेकर अब तक मिला, मैंने हमेशा वही प्यार और स्नेह देखा, जो मुझे बचपन मे उनसे मिलता था।
हकीम-ए-उम्मात ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि ज्ञान और एकता को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए, मुझे लगता है कि जो कोई भी उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहता है, इन दोनों बातों का पालन करने की कोशिश करनी चाहिए।
अंत में, मौलाना सैफ अब्बास, अल्लाह की बारगाह मे दुआ की कि हकीम-उम्मत मौलाना कल्बे सादिक को जावारऐ मासूमीन में जगह अता फरमाऐ और परिवार को सब्र रखने की शक्ति प्रदान करे। कार्यक्रम में मौलाना नफीस अख्तर, मौलाना मुहम्मद मश्रकैन , मौलाना मिर्जा वाहिद, मौलाना मुहम्मद रज़ा एलिया, मौलाना जमाल काज़मी, मौलाना नासिर और अन्य मौजूद थे।
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