*बड़े इमामबाड़े में हो रहे प्रोग्राम के सिलसिले में डाक्टर कल्बे सिब्तैन नूरी का बयान*…… क़ुरआन करीम में साफ़ तौर पर हुक्म दिया गया है कि नेकी और तक़वा में एक दूसरे का साथ दिया करो और आपस में तअव्वुन किया करो । हम सबको भी इसी पालिसी पर अमल करना चाहिये । जब भी ग़लत और ना मुनासिब बात की गई मैंने खुल कर उसकी मुख़ालिफ़त की चाहे वो जुमे के खुतबों से मौलाना डाक्टर कल्बे सादिक़ साहब पर झूठे और बे बुनियाद इल्ज़ाम लगा कर अपने नामा ए आमाल में गुनाहों का इज़ाफा किया गया हो या खुल कर एक सियासी पार्टी की हिमायत की गई हो या सब एहतिजाज और प्रोटेस्ट बन्द कर के ख़ामोशी इख़्तेयार की गई हो या दरिया वाली मस्जिद के मुद्दे पर गन्दी और ग़लीज़ क़ौमी सियासत की गई हो ।
बहरहाल बड़े इमामबाड़े में मजलिस मातम का जो प्रोग्राम बरपा हो रहा है इसकी मैं खुले दिल से पूरी हिमायत करता हूं । अजादारों के दिल में इस साल जो कसक रह गयी है उससे सब रन्जीदा हैं लेकिन अज़ादारी करने के साथ हमको मराजेय किराम के फतवों पर भी अमल करना है । मास्क लगा कर और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अज़ादारी करने का फ़तवा मौजूद है , उसकी हमको पाबन्दी करना चाहिए । जोश के वक़्त होश का दामन नहीं छोड़ना है दूसरे पूरी कोशिश हो कि प्रशासन के साथ टकराव की नौबत न आये वरना बाद में मोमेनीन को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ता है । अज़ादारी और दीगर दीनी मसायल पर क़ौम में इत्तेहाद और एका होना ही चाहिए और सबको एक साथ होकर मसायल के हल के लिये कोशिश करना चाहिये । मैं पूरे खुलूस के साथ बड़े इमामबाड़े में हो रहे प्रोग्राम की हिमायत करता हूँ और मोमेनीन से एक मर्तबा फिर गुज़ारिश करता हूं कि मास्क पहन कर और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अज़ादारी करिये । अज़ादारी भी हो और सेहत का भी ख़्याल रखा जाये । ख़ुदा न ख़्वास्ता जोश में होश खो कर नुक़सान न उठाया जाये । अल्लाह तमाम मोमेनीन और मोमिनात की हिफ़ाज़त फरमाये (आमीन) …….. *डाक्टर कल्बे सिब्तैन नूरी , लखनऊ*