मौलाना सैफ़ अब्बास ने किया इमामबाड़ा गुफरानमाब में चल रहे धरने का समर्थन

लखनऊ- शिया मुसलमानों का सबसे बड़ा धार्मिक त्योहार मोहर्रम शुरु हो चुका है। ऐसे में कोविड-19 के चलते प्रशासन ने मोहर्रम में उठने वाले सभी जुलूसो पर पाबंदी लगा दी है। साथ ही इमामबाड़ो में मजलिस के लिए भी सिर्फ पांच लोगों को ही बैठने की इजाज़त दी है। जिससे नाराज़ वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद आज धरने पर बाठ गए हैं।

मोहर्रम में ताज़िया घर में रखने की मांग और इमामबाड़ो में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ जगह के हिसाब से मजलिस में बैठने की इजाज़त दिए जाने की मांग को लेकर वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने चौक स्तिथ इमामबाड़ा गुफरानमाब में कई और उलेमाओ के साथ धरना शुरु कर दिया है। धरने में मौलाना मीसम जैदी, मौलाना अब्बास नासिर, मौलाना रज़ा हुसैन, मौलाना फ़िरोज़ हुसैन सहित कई मौलाना मौजूद है। वहीं धरने में शिया धर्मगुरु के साथ सुन्नी धर्मगुरु मौलाना हसनैन बकाई भी मौजूद हैं।

इस मामले पर शिया मरकज़ी चांद कमेटी के अध्यक्ष व शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ़ अब्बास ने भी धरने का समर्थन किया है और कहा अज़ादारी को लेकर हमारे बुजुर्ग ओलेमा जो मुहीम चला रहे हम उनके साथ है। कोविड-19 की जो गाइडलाइन है उसको हर कोई मान रहा है, लेकिन सोशल डिस्टेसिंग के नाम पर उत्पीड़न न किया जाए। इमामबाड़ो की कैपासिटी के हिसाब से मजलिस में लोगो की परमीशन दी जाए। ताज़िया से लोगो का रोज़गार भी जुड़ा है, मोहर्रम के दस की कमाई से कई लोगो का कई महीने का खर्च भी निकलता है।