आगामी त्योहार और रमज़ान को लेकर इस्लामिक सेंटर ऑफ इन्डिया में हुई बैठक। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने घर में ही इबादत करने की अपील की

मुसलमानों का सबसे मुक़द्दस महीना रमज़ान का चाँद 24 अप्रैल को देखा जाएगा .. रमज़ान के महीने में सभी मुसलमान रोज़ा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं और इफ्तार के समय बाड़ी संख्या में लोग मस्जिदों में पहुँच कर रोज़ा खोलते हैं.. लेकिन कोरोना वायरस के चलते पूरे देशभर में लॉक डाउन होने के कारण मस्जिदे सूनी पड़ी है और लोग अपने घरों में क़ैद है.. जिसके चलते हैं सभी धर्मगुरूओं ने लोगों से अपील की है और कहा है कि वो इस साल इबादत अपने घरों में करें और अपने आस पास के लोगों का ख़याल रखें..

ऑल इंडिया इस्लामिक सेंटर के अध्यक्ष व मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना ख़ालिद रशीद फरंगी महली ने कहा 24 अप्रैल को रमज़ान का चाँद देखा जाएगा ऐसे में अगर चांद हो जाता है तो उसी रात तराबी पढ़ने का सिलसिला शुरु होता है और 25 अप्रैल को पहला रोज़ा होगा… क्योकी लॉकडाउन है तो सारे रूल्स और रेगुलेशन को फ़ॉलो करते हुए सभी को अपने घरों में रहना है और इबादत करनी है.. घर पर ही रोज़ा रखना है, इफ्तार, सहरी करना है और नमाज भी घर पर ही पढ़ना है उसी के साथ तराबी भी घर पर ही पढ़ना है.. क्योंकि ऐसा पहली बार हो रहा है जिसकी वजह से बड़ी तादाद में लोग अफ़सोस में भी है लेकिन जान बचाना सबके लिए ज़रूरी है.. इबादत के समय अल्लाह से दुआ करें की अल्लाह हमारे मुल्क से इस बिमारी को खत्म कर दे.. साथ ही कहा क्योकी लॉकडाउन है जो लोग इफ्तार पार्टी करते थे वह पार्टी की रकम गरीब लोगों की मदद में खर्च करें क्योकी इस वक्त बड़ी तादात में लोग मदद के तलबगार हैं..

रमज़ान को लेकर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने अपील करते हुए कहा की यह जो मर्ज़ है यह छुपा नहीं है, 200 से ज्यादा देशो को इस मर्ज ने अपनी चपेट में ले रखा है.. रमज़ान का महीना मुबारक महीना है इबादत का महीना है लेकिन लॉकडाउन के जो फायदे हैं उनको समझते हुए इबादत घर में करें.. जिस मज़हब को हम मानते है उसकी तारीख यही है की हमे अपनी जान को सुरक्षित करना है.. नमाज़-ए-जमात और तराबी तब होती है जब हम आजाद हो, इस वक्त हमारे ऊपर मर्ज की तलवार है, कुरान खुद कह रहा है और अल्लाह अपनी इबादत खुद रोक रहा है हमारे मर्ज की वजह से इसलिए जो डॉक्टर्स और सरकार कह रही हमे उसे फॉलो करते रहना है.. हमे लॉकडाउन की पाबंदी के साथ अपने घर में रहकर इबादत करना चाहिए, यही हमारे और हमारी फैमली के लिए बेहतर है..

इस मौके पर मौलाना यासूब अब्बास ने कहा तमाम मुसलमानों से अपील करूँगा कि रमज़ान में घर पर रहकर रोज़ा रखे, कुरान पढ़े इबादत करें.. इस्लाम में कोई जबरदस्ती नहीं है इसलिए हमें तमाम इन्सानियत के लिए घर में रहकर इबादत करना चाहिए.. साथ ही कहा की हमें यह भी देखना चाहिए की हम जब रोज़ा खोले तब कोई भूखा न हो अपने आसपास भी लोगों का ख्याल रखे.. क्योकी कोरोना वायरस चल रहा है इसलिए एक बार फिरसे सभी से गुज़ारिश है की वह इस साल रमज़ान और ईद अपने घरों में मनाए..


इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया रमज़ान में फेसबुक से लाइव कुरान की तिलावत करेगा

लॉकडाउन के कारण इस बार मस्जिदो में नहीं होगी तराबी

25 अप्रैल से लेकर 9 मई तक हर रोज़ रात 8 बजे से कुरान के दो पारे की होगी तिलावत

घर बैठे फेसबुक पर इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के पेज पर सुन सकेंगे कुरान
वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवादने कहा की हालात के लिहाज़ से शरीइत का हुक्म बदल जाता है, नमाज़ पढ़ने के लिए वज़ू करना जरूरी है लेकिन वजू अगर नुकसान कर रहा है तो तहमूम कर सकते हैं..इसी तरह मस्जिद में जाकर नमाज़ पढ़ने का बहुत सवाब है लेकिन अगर कोई मरीज़ मस्जिद में जाएगा तो वहां मौजूद सभी लोग बीमारी की चपेट में आ सकते है इसलिए गुज़ारिश है की सभी लोग घरो में रहकर इबादत करें.. जब कोरोना खत्म हो जाएगा तब जितनी भी इबादत मस्जिद में करे तब कोई परेशानी नहीं है.. इस्लाम का भी हुक्म इस वक्त यही है की घरों में रहकर इबादत करें अपने को बचाए, बच्चो को बचाए और इन्सानियत को बचाइए, लॉकडाउन की पाबंदी करें और डॉक्टर्स की एडवाइस माने.. इस वक्त मस्जिद में जाने का नहीं घर में रहकर इबादत करने का सवाब है.. किसी के बहकावे में न आए, सोशल मीडिया पर बहुत मौलाना ने भी उल्टी सीधी तकरीर की है लेहाजा किसी के बहकावे में न आए.. जो मौलाना गलत तकरीर कर रहे हैं वह मुसलमानो के दुश्मन है, मुसलमान पर नाम आ जाए कोरोना फैलाने का और मुसलमानो में कोरोना फैल जाए खुद तबाह हो जाए.. इसलिए मेरी गुज़ारिश है की सभी लोग किसी के बहकावो में न आए और लॉकडाउन की पाबंदी करें.. कोरोना की कोई दवा नहीं सिवाए एहतियात के..

लखनऊ

आगामी त्योहार और रमज़ान को लेकर इस्लामिक सेंटर ऑफ इन्डिया में हुई बैठक।

बैठक में मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, जेसीपी नवीन अरोड़ा, डीसीपी वेस्ट सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी समेत कई अधिकारी हुए शामिल।