रमज़ान खुदा पाक का एक बड़ा तोहफा है, इसकी खूब कद्र करेंः मौलाना खालिद रशीद
लाक डाउन की पूरी पाबन्दी की जाए। जरूरी चीज़ों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए
लखनऊ, 20, अप्रैल।
मुसलमानों के पवित्र महीने आने वाला है। इस साल यह नेकियों और इबादतों का महीना एैसे समय में आ रहा है कि भयानक वबा कोरोना वाइरस ने पूरी दुनिया को अपने पंजे में जकड़ रखा है। इबादतगाहें, स्कूल, कालेज, खेल के मैदान, कारखाने, दफतर, बाजार और रोजमर्रा की इंसानी जिन्दगी लाक डाउन का शिकार हैं। पूरी इंसानियत इस कातिल वाइरस के खौफ से परेशान है। एैसे हालात में मुसलमानों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। एक तरफ तो वह इस भयानक वबा से बचाव के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन और सरकार के सुरक्षा के उपायों लाक डाउन और सोशल डिस्टेन्सिंग कायम रखने की पाबंदी करें और दूसरी तरफ माह-ए-रमज़ान की इबादतों को अंजाम देने में इस्लामी शरीअत के आदेशों व हिदायतों पर पूरी तरह अमल करें।
माह-ए-रमज़ान के आने से पहले इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने गत वर्षों की तरह इस वर्ष भी जिला प्रशासन के अधिकारियों और आम मुसलमानों को सम्बोधित करते हुए निम्नलिखित बातों पर अमल करने की गुजारिश की हैः
मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि 24 अप्रैल को रमज़ानुल मुबारक का चाॅद देखा जायेगा। अगर चाॅद हो गया तो 25 अप्रैल को पहला रोजा होगा वरना 26 को होगा। 1-रमज़ान में भी लाक डाउन और सोशिल डिस्टेन्सिंग कायम रखने के आदेश पर पूरी तरह अमल किया जाए। 2-रमजान के रोजे़ फर्ज हैं इस लिए सारे मुसलमान रोज़े जरूर रखें। 3- तरावीह जो रमजान में सुन्नत मुअक्किदा है उसका एहतिमाम जरूर करें। 4- जो लोग मस्जिद में रह रहे हैं वहीं मस्जिद में तरावीह पढ़ें और कम से कम एक कुरान मजीद जरूर पूरा करें क्योंकि एैसा करना सुन्नत है। 5- मस्जिद में एक समय में 5 से अधिक लोग एकत्रित (जमा) न हों। 6- बाकी लोग अपने घरों ही में तरावीह जमाअत के साथ अदा करें। 7-जिन घरों में हाफिज हों तो वह पूरा कुरान मजीद पढ़ें वरना जिसको जितना भी याद हो वह 20 रकआत में पढ़े। 8-घर पर नमाज़ अदा करने के लिए पड़ोसियों को इसमें शामिल न किया जाए। 9-सेहरी के समय जगाने के लिए शोर न किया जाए। 10-इफ्तार अपने घर ही पर किया जाए। 11-रमजान में विशेषकर इफ्तार के समय इस वबा के अन्त के लिए दुआ जरूर करें। 12-इफ्तारी का एहतिमाम मस्जिद में सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए करें जो मस्जिद ही में रह रहे हैं। 13-जो लोग हर साल मस्जिद में गरीबों के लिए इफ्तारी का आयोजन करते थे वह लोग इस साल भी करें लेकिन इसको जरूरतमंदों में बाॅट दें। 14-जो लोग हर साल रमजान में इफ्तार पार्टियाॅ करते थे वह इसी रकम को या इसका राशन गरीबों को दे दें। 15- जिन लोगों पर ज़कात फर्ज है वह ज़कात जरूर अदा करें। 16- तमाम रोजेदार इस बात को सुनिश्चत करें कि इस मुबारक महीने में कोई भी इंसान भूका न रहे।
मौलाना फरंगी महली ने जिला प्रशासन को ध्यान दिलाते हुए कहा:
1-माह-ए-रमज़ान में पूरे शहर विशेषकर मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों जैसे एैशबाग, बिल्लौचपुरा, नक्खास, अकबरी गेट, चैक, चैपटियाॅ, हुसैनाबाद, सआदतगंज, मौलवीगंज, गोलागंज, अमीनाबाद, कसाईबाड़ा, हुसैनगंज, सदर, डालीगंज, खदरा, निशातगंज, खुर्रमनगर और अन्य मोहल्लों में सफाई सुत्थराई पर विशेष ध्यान दिया जाए। 2-सेहरी और इफ्तार के समय में बिजली और पानी की सप्लाई को सुनिश्चित किया जाए। 3- शहर में विशेषकर पुराने लखनऊ में अमन व अमान बनाये रखा जाए। 4-असम्प्रदायिक तत्वों पर विशेष निगाह रखी जाए जो अमन व कानून के साथ खिलवाड़ करे उसको सख्त सज़ा दी जाए। इस माह में जरूरी चीज़ों विशेषकर खुजूर की उपलब्धता बिना किसी रोक टोक के आसान की जाए।
इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के सदस्यों ने उम्मीद जाहिर की है कि मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की इन हिदायतों पर पूरी तरह अमल किया जायेगा।