प्रेस विज्ञप्ति
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर छात्रों एवं जनता का गुस्सा
17 दिसंबर, 2019 को जारी एक बयान में मौलाना सैयद सैफ अब्बास ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून धर्म के आधार पर बनाया गया था जो देश के संविधान का उल्लंघन है। नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध का केवल एक समूदाय से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। क्यो कि जिस तरह से आज असम, त्रिपुरा, मेघालय, बंगाल, दिल्ली, यूपी इत्यादि में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रधान मंत्री और गृह मंत्री को इस का संगयान लेना चाहिए और विधेयक को वापस कर स्लेट समिति को भेजना चाहिए ताकि विधेयक में संशोधन किया जा सके।
मौलाना सैयद सैफ अब्बास ने कहा कि जब प्रधान मंत्री खुद स्वीकार करते हैं कि विरोध प्रदर्शन हर देश के नागरिक का अधिकार है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोंग कर बरर्बता देखने मे आई है और प्रदर्षकारियों से अपील की जाती है कि वह षांतिपूर्वक विरोध कर कानून व्यवस्था को बनाए रखें। मौलाना ने कहा कि जिस तरह से छात्र जो हमारे देश का भविष्य है, यूनिवर्सटि मे प्रवेश करके छात्रों की पिटाई की जाती है, वह निंदनीय है। मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से इस घटना की जांच करने और दोषी पुलिसकर्मियों को दंडित करने का आग्रह करता हूं। इस बिल के आने के साथ, हिन्दू या मुसलमानों को जो बेचैनी है उस का सम्मान करना चाहिए । क्योंकि यह बिल देश की अखंडता और करोड़ो भारतीयों की भावना को प्रभावित कर रहा है। क्योंकि आज हम जिस संविधान को अपना रहे हैं, वह किसी गैर संविधनिक बिल की अनुमति नहीं देता है।