27 रमज़ान 7 अप्रैल 2024
कार्यालय आयतुल्लाह अल उज़मा सैय्यद सादिक़ हुसैनी शीराज़ी से जारी हेल्प लाइन पर नीचे दिए गये प्रश्नो के उत्तर मौलाना सैयद सैफ अब्बास नक़वी एवं उलेमा के पैनल ने दिए-
लोगों की सुविधा के लिए ‘‘शिया हेल्पलाइन’’ कई वर्षों से धर्म की सेवा कर रही है, इसलिए जिन मुमेनीन को उनके रोज़ा, नमाज़ या किसी अन्य धार्मिक समस्या के बारे में संदेह है, तो वह तमाम मराजए के मुकल्लेदीन के मसाएले शरिया को जानने के लिए सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे आप इन नंबरों 9415580936, 9839097407 पर तक संपर्क कर सकते हैं। एवं ईमेलः उंेंम स786/हउंपसण्बवउ पर संपर्क करें।
नोट- महिलाओं के लिए हेल्प लाइन शुरू की गयी है जिस मे महिलाओं के प्रश्नों के उत्तर खातून आलेमा देेगीं इस लिए महिलाओं इस न0 पर संपर्क करें। न0 6386897124
सवाल- क्या एतिकाफ के दौरान व्यापार आदि करना जायज़ है?
जवाब- एतिकाफ के दौरान कुछ चीजों को छोड़ना जरूरी है, जिसमें व्यापार भी शामिल है।
सवाल- जो चीजें एहराम बांधने के बाद हराम हो जाती हैं, क्या उन्हें एतिकाफ में छोड़ देना चाहिए?
जवाब- एहतियाते मुसतहब की बिना पर उन चीज़ों को छोड़ दें जो एहराम के दौरान हराम है।
प्रश्न- क्या सदक़ा देने में यह शर्त है कि वह माथे या शरीर के किसी अंग को छूकर दिया जाए?
उत्तर- सदका़ देने मे नियत कर लेना चाहिए, शरीर से छू कर देना आवश्यक नहीं है।
सवाल- ईद के दिन कौन से काम करने चाहिए?
जवाब- ईद के दिन सुबह की नमाज के बाद तकबीरात पढे़, फितरा निकाले, अच्छे कपड़े पहने, इत्र लगाइंे, ईद की नमाज से पहले कुछ मीठा खाकर इफतार करे, इमाम हुसैन (अ.स.) की जियारत पढ़िए, दुआए नुदबा पढ़े और अन्य मालूमात के लिए पुस्तकों में देखें।
सवाल- क्या कोई शख्स अपना फितरा दो लोगों में बांटकर दे सकता है?
जवाब- एहतियाते वाजिब यह है कि किसी जरूरतमंद को एक फितरा से कम न दिया जाए, हां अगर ज्यादा दे दिया जाए तो कोई हर्ज नहीं।