ईद की नमाज़ के लिए जमाअत कोई शर्त नहीं है और अगर किसी व्यक्ति को सूरह और कुनूत याद है तो वह अकेले नमाज़ पढ़ सकता है।.मौलाना सैयद सैफ अब्बास

29 रमज़ान 9 अप्रैल 2024

कार्यालय आयतुल्लाह अल उज़मा सैय्यद सादिक़ हुसैनी शीराज़ी से जारी हेल्प लाइन पर नीचे दिए गये प्रश्नो के उत्तर मौलाना सैयद सैफ अब्बास नक़वी एवं उलेमा के पैनल ने दिए-  लोगों की सुविधा के लिए ‘‘शिया हेल्पलाइन’’ कई वर्षों से धर्म की सेवा कर रही है, इसलिए जिन मुमेनीन को उनके रोज़ा, नमाज़ या किसी अन्य धार्मिक समस्या के बारे में संदेह है, तो वह तमाम मराजए के मुकल्लेदीन के मसाएले शरिया को जानने के लिए सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे आप इन नंबरों 9415580936, 9839097407 पर तक संपर्क कर सकते हैं। एवं ईमेलः उंेंमस786/हउंपसण्बवउ पर संपर्क करें।

नोट- महिलाओं के लिए हेल्प लाइन शुरू की गयी है जिस मे महिलाओं के प्रश्नों के उत्तर खातून आलेमा देेगीं इस लिए महिलाओं इस न0 पर संपर्क करें। न0 6386897124

प्रश्न- अगर कोई व्यक्ति फितरा निकाले और मुसतहक़ होने के बावजूद उसे योग्य व्यक्ति तक पहुंचाने में इतनी देरी करता है कि फितरा खो जाता है तो ऐसे मामले में क्या हुक्म है ?

जवाब- अगर उसने हकदार होने के बावजूद फितरा अदा नहीं किया तो उसे दोबारा फितरा अदा करना होगा।

सवाल- अगर किसी गांव में पांच से कम व्यक्ति हों तो ईद की नमाज कैसे पढ़ी जाएगी?

उत्तर- ईद की नमाज़ के लिए जमाअत कोई शर्त नहीं है और अगर किसी व्यक्ति को सूरह और कुनूत याद है तो वह अकेले नमाज़ पढ़ सकता है।

प्रश्न- यदि कोई व्यक्ति फितरा में कोई एैबदार चीज़, उदाहरण के लिए जो अनाज दिया जा रहे है उस में कीड़े हों तो क्या हुक्म है?

जवाब- अगर कोई शख़्स फितरा में ख़राब चीज़ देता है तो एहतियात वाजिब की बिना पर काफ़ी नहीं है।

सवाल- अगर कोई शख्स ईद की नमाज घर पर अकेले पढ़ता है और उसे सूरह शम्स और सूरह आला याद नहीं है तो ऐसी स्थिति में वह किताब मे देख कर सूरह पढ़ सकता है।

उत्तर- ईद की नमाज़ में जो सूरह याद हो उसको पढ़ा जा सकता है, लेकिन देख कर सूरह पढ़ने में कोई हर्ज नहीं है।

सवाल- ईद-उल-फितर की नमाज फर्ज की नियत से अदा की जाएगी

उत्तर- ईद की नमाज़, यानी ईद-उल-फितर और ईद अल-कुर्बान, गैबते इमाम (अ0स0) मे मुसतहब है इस लिए कुरबत की नियत होगी।