लखनऊ। 18 नवम्बर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने आज शुक्रवार सायं 06.30 बजे लखनऊ में गोमती नदी किनारे स्थित लक्ष्मण मेला स्थल एवं कुड़िया घाट में छठ पूजा के लिए की जा रही तैयारियों एवं व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए और प्रयास करने के निर्देश दिए तथा घाटों में अभी जो सफाई दिख रही है ऐसी ही सफाई व्यवस्था छठ पर्व के अंतिम दिन तक दिखे इसके लिए विशेष प्रयास करने को कहा। गत वर्ष भी उन्होंने छठ पर्व से पूर्व तैयारियों एवम् व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया था। इस वर्ष छठ घाटों और गोमती नदी के पानी को और साफ सुथरा बनाने तथा सुंदरीकरण के लिए उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों के कार्यों की प्रशंसा की।नगर विकास मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छठ पर्व पर शहर के विभिन्न घाटों पर पूजा की जाती है, वहीं राजधानी के इस प्रख्यात स्थान पर छठ पूजा पर जमावड़ा लगता है। विगत वर्ष की भाँति नगर निगम लखनऊ द्वारा विभिन्न आवश्यक व्यवस्थायें जैसे कि घाट की साफ-सफाई, घाट की सीढ़ियों आदि की मरम्मत एवं अस्थायी सीढ़ियों की व्यवस्था, कूड़े का उठान, चूने का छिड़काव, सेनिटाईजेशन, एंटीलार्वा का छिड़काव,फागिंग, पेयजल की व्यवस्था, टूटे स्थानोंध्रेलिंग की मरम्मत, प्रकाश व्यवस्था इत्यादि व्यवस्थाएं सुनिश्चित करायी जा रही है। मच्छरों से बचाव के लिए फागिंग कराई जा रही है।मंत्री शर्मा ने कहा कि आप देख सकते हैं कि पूरा घाट साफ-सुथरा है, गोमती नदी का पानी भी स्वच्छ दिख रहा है और साथ ही विद्युत लाइट की भी व्यवस्था कि गयी है। मंत्री शर्मा ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि छठ पूजा के दौरान श्रद्धालुओं एवं आमजन मानस को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।मंत्री द्वारा पूजा स्थल पर नगर निगम द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं की सराहना की गयी तथा विशेष सफाई एवं उच्च कोटि की प्रकाश व्यवस्था बनाये रखने के लिए सम्बन्धित को निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त पूजा स्थल पर कार्यरत सफाई कर्मियों का उत्साहवर्धन करते हुए पूरे परिश्रम के साथ बेहतर कार्य करते रहने हेतु कहा गया।उन्होंने पूजा घाटों एवं आसपास की विधिवत साफ-सफाई व सौन्दर्यीकरण सुनिश्चित कराने एवं पूजा के दौरान पूजा सामग्री को नदी के जल में प्रवाहित न हो, पानी प्रदूषित न हो, इसके प्रबंध करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने इसके लिए नदी के अंदर अर्पण कलश तथा जाल स्थापित करने के भी निर्देश दिए।