मजलिसे हुसैन नेमत है: मौलाना सय्यद राहिब हसन
लखनऊ: गोलागंज स्थित मकबरा आलिया अज़खाने मज़हर हुसैन साहब में अशरे की दूसरी मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना सय्यद राहिब हसन ने कहा कि करबला सिर्फ सुनने के लिए नहीं है बल्कि अपने किरदार को बेहतर बनाने के लिए है करबला में किरदार बेहतर बनाया गया जिसका सबूत हुर का किरदार है जो पहले लश्करे यज़ीदी में था लेकिन जब इमाम की मारेफत हुई तो इमाम के साथ आ गए और अपने किरदार को बेहतरीन बना लिया।
मौलाना ने कहा कि इमाम हुसैन अ० जब मदीने से निकलें हैं तो अपने मक़सद को लोगों के सामने बताया कि मैं जंग करने नहीं जा रहा बल्कि उम्मत की इस्लाह करने जा रहा हूं इमाम इस्लाह करने गए थे जंग करने नहीं इसी लिए इमाम अपने साथ औरतों और बच्चों को ले कर गए थे ताकि मक़सदे करबला लोगों के सामने स्पष्ट हो जाए।
मौलाना ने अंत में मसाएब पढ़े और बताया की 2 मोहर्रम को इमाम करबला पहुंचे थे।