(सत्ता की शान)
सोमवार 17 जुलाई । अफंहाम ए जंमा सोसाइटी ने हुसैनाबाद ट्रस्ट की शाही जरी के जुलूस के सम्बन्ध में मंडलायुक्त डा0 रोशन जैकब से मुलाकात की और उनको ज्ञापन देते हुए कहा की 1. दस मोहर्रम (यौमे-अशूरा) के दिन छोटे इमामबाड़े से हुसैनाबाद ट्रस्ट की शाही जरी को जुलूस के साथ उठवा कर सम्मान पूर्वक दफन कराये जाने का मुतालबा करते है । 2. छोटे इमामबाड़े के सामने जो नौबतखाना है जिसमें नौबत ताशा और नगांड़ा (शाही बाजा) बजाया जाता था उसका निर्माण अवध के बादशाह मोहम्मद अली शाह बहादर ने सन् 1837 में करवाया था, पिछले 186 वर्षों से नौबतखाने में नौबत बजती चली आ रही थी अब उस स्थान पर कब्जा करके दुकान बना दी गयी। उस जगह को खाली करवाया जाये और पुरानी रवायत के अनुसार वहाँ पर नौबत ताशा और नगाड़ा (शाही बाजा) बजवाने का इन्तजाम किया जाये। और मंडलायुक्त डा0 रोशन जैकब के जरिये एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भी भेजा है जिसमे कहा गया है कि सोसाइटी आपको अवगत कराना चाहती है कि बादशाह मोहम्मद अली शाह बहादुर ने सन् 1837 से हुसैनवाद वक्फ के तहत पहली मोहर्रम और दसवीं मोहर्रम योमे आशूरा की शाही जरी का जुलूस शुरू किया था जो अपनी गरिमा के साथ सन् 1977 तक उठता रहा है। लेकिन शहर में उठने वाले तमाम जुलूसों पर पाबन्दी लगने के बाद यह शाही जुलूस अण्डर प्रोटेस्ट रोक दिये गये थे। 1997 में सुलह समझौते के बाद पहली मोहर्रम की शाही जरी का जुलूस तो बहाल हो गया लेकिन अफसोस कि 10 मोहर्रम की शाही जरी का जुलूस जो छोटे इमामबाड़े से उठकर शवीहे रौज-ए-काजमैन में जरी दफन की जाती थी उस पर आज भी पाबन्दी आयद है वह बिल्कुल वैसे ही है. जैसे किसी बावकार शक्स का इंतिकाल हो जाये और उसकी मय्यत (शव) को दफन (अन्तिम संस्कार) करने की इजाजत नहीं दी जाये या यूँ समझ लीजिए कि श्री गणेश जी की मूर्ति तो स्थापित करने दी जाये लेकिन विसर्जन पर सरकार रोक लगा दे तो जरा सोचिए कितने श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचेगी बस ऐसी ही कुछ सूरत-ए-हाल लखनऊ की है जहाँ खुद ही सरकार व प्रशासन छोटे इमामबाड़े में पहली मोहर्रम को ताजिया रखता है लेकिन उसे 10वीं मोहर्रम (यौमे आशूरा) को दफन नहीं करता है जबकि हिन्दुस्तान में रखने जाने वाले तमाम ताजिये 10वीं मोहर्रम को दफन कर दिये जाते है।अफंहाम ए जंमा सोसाइटी के सदस्यों में जिनके द्वारा ज्ञापन दिया गया नवाब मसूद अब्दुल्लाह.मौलाना अली मोहम्मद शाह.सैयद मासूम रजा एडवोकेट.सैयद साबिर अब्बास एडवोकेट.सैयद अब्बास रिजवी एडवोकेट.मुजम्मिल हसन एडवोकेट.रियाज बेग.श्रीमती थिलेश सिह सैयद अली मीसम नकवी एडवोकेट मौजूद रहें।
हुसैनाबाद ट्रस्ट की शाही जरी के जुलूस के सम्बन्ध में अफंहाम ए जमा सोसाइटी ने मंडलायुक्त डा0 रोशन जैकब से की मुलाकात
