ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दरअस्ल मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड है। – मोहसिन रज़ा

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दरअस्ल मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड है। – मोहसिन रज़ा
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने देश के नागरिकों से समान नागरिक संहिता का विरोध करने की अपील की है। बोर्ड ने इसके लिए एक पत्र जारी किया है और जनता से बोर्ड के पक्ष का समर्थन करने की अपील की है।जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि हमारा देश अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों वाला है। समान नागरिक संहिता लागू कर धार्मिक व सांस्कृतिक स्वतंत्रता को चोट पहुंचाई जा रही है इसलिए सभी इसका विरोध करें। बोर्ड ने एक क्यू आर कोड भी जारी किया है। बोर्ड का कहना है कि समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग ने देश के अलग-अलग शहरों से राय मांगी है जिस पर सभी को अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए और इसका विरोध करना चाहिए।जिसके जवाब में मोहसिन रजा ने उसका जवाब देते हुए कहा की मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड होने के नाते ये यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करेगा ही।
सभी समाज के साथ मुस्लिम समाज को एक समान अधिकार मिलने से मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड की दुकानें बंद हो रही हैं।- मोहसिन रज़ा-

ट्रिपल तलाक समाप्त होने से जिस तरह मुस्लिम समाज की बहनों और बेटियों के पांव में पड़ी जो बेड़ी समाप्त हुई है ये संगठन नहीं चाहते हैं की इस तरह के और क़ानून बनें जिससे मुस्लिम समाज के और अधिकार सुरक्षित होते हों। – मोहसिन रज़ा
मगर मैं आश्वस्त करता हूं कि जिस तरह ट्रिपल तलाक कानून आया उसी तरह यूनिफॉर्म सिविल कोड का क़ानून भी देशहित में और जनहित में आएगा।- मोहसिन रज़ा