पूर्व अध्यक्ष शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सचिव ने एक प्रेसनोट जारी कर कहा की जितेंद्र नारायण त्यागी द्वारा धर्म परिवर्तन करने के बाद उत्तराखंड में धर्म संसद में भाग लिया गया था जिसमें उन्हें वा अन्य धर्म गुरुओं के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हुआ था जिसके कारण उन्हें जेल जाना पड़ा ,जैसे ही वह जेल गया उनकी पत्नी के दादा का मकान जो पत्नी के दादा द्वारा अपने निजी पैसे से निर्माण कराया गया था जिसकी जमीन के लिए वक़्फ़ यतीम खाने को ₹500000 डोनेशन देकर खाली भूमि ली गई थी और भवन का निर्माण त्यागी जी की पत्नी के दादा द्वारा निजी खर्चे पर बनाया गया था जिसमें त्यागी जी अपनी पत्नी व बच्चों के साथ रहते थे उनके जेल जाने के बाद कुछ मुस्लिम कट्टरपंथी अपराधिक युवकों ने जबरदस्ती उनके घर पर कब्जा करने की नियत से घुस गए और त्यागी जी के परिवार की लड़कियों के साथ बदतमीजी की है वहां पर मौजूद ज़ैदी इस्पेक्टर जोकि सहादतगंज थाने में पोस्टेड है आ गए और उन्होंने त्यागी जी की पत्नी को वहां से निकाल कर मकान में ताला डालकर चाबी रख ली थी इस संबंध में त्यागी जी द्वारा जेल से भी लिखा पढ़ी की गई थी ,जबकि यतीम खाने से त्यागी जी की पत्नी के दादा के नाम अनुबंध है कि कभी भी यतीमखाना उक्त मकान को खाली कराएगा तो निर्माण में लगे पैसों को देगा । जितेंद्र नारायण त्यागी ने और कहा की यतीम खाने के मुतावली वसीउल हसन से बाकायदा लिखत में एक एग्रीमेन्ट हुआ था की जब यतीमखानें को प्रार्थी को दी गयी जमीन अगर यतीमखाने को चाहिए होगी तो वक्फबोर्ड प्राथी को उस समय के हिसाब से जो जमीन पे निर्माण होगा उसकी कीमत देकर व 3 माह का नोटिस देकर खाली कर देगा और कहा त्यागी की पत्नी को 4 महीने तक घर से बेघर रखा गया आज भी वह अपने परिवार के घर पर रह रहे हैं त्यागी जी के पास उस घर के अलावा पत्नी के साथ रहने हैं के अतिरिक्त कोई मकान नहीं है जब त्यागी जी द्वारा पुलिस से चाबी मांगी गई तो चाबी देने से इंकार कर दिया गया है शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड को कोई अधिकार नहीं है कि वह किसी के निर्माणाधीन मकान का आवंटन किसी और के नाम कर दें इस वक्त त्यागी जी के पास कोई मकान नहीं है जिसमें वह अपने परिवार के साथ रह सके ।
वक़्फ़ बोर्ड को अधिकार है कि वह माननीय न्यायालय से वैध या अवैध कब्ज़े की कार्रवाई नियम अनुसार करें, पुलिस के सहयोग से किसी के घर में ताला डालकर कब्ज़ा नहीं किया जा सकता।
मकान ना होने के कारण मजबूर होकर कल दिनांक 29 /5/22 की शाम से त्यागी जी हनुमान मंदिर के बाहर जमीन पर चादर बिछा कर सोएंगे ,उनका कहना है कि सनातन धर्म के में आने के बाद उनके ऊपर कितने जुल्म किए जा सकते हैं उसे देखना बहुत जरूरी है।
धन्यवाद -रिंकू यादव
निजी सचिव जितेंद्र नारायण त्यागी जी
पूर्व अध्यक्ष या सेंट्रल वक्फ बोर्ड
त्यागी द्वारा दिये गये ब्यान के बारे में जब सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी से बात तो उन्होने कहा की शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा कोई मकान खाली नही करवाया गया है।और कहा की त्यागी के ससुर के नाम उस मकान की रसीद कटती थी क्योंकी तत्कालीन मुतावली वसीउल हसन उर्फ मुन्नें द्वारा उनकी किरायेदारी को निरस्त करते हुए उनसे मकान खाली करवा लिया था और चेयरमैन ने कहा की वह मकान खाली था और उसका किराया भी जमा नही हो रहा था और शिया यतीमखने को मकान दुसरे को देना था क्योकी वक्फ बोड की आमदनी रूकी हुअी थी।
त्यागी द्वारा दिये गये ब्यान में जैदी पे आरोप लगाते हुए कि मौजूद जैदी इस्पेक्टर सहादतगंज थाने में पोस्टेड है वह मकान खाली करवा के चाबी ले गये थे जब सहादतगंज थाने में पोस्टेड जैदी को सत्ता की शान से फोन द्वारा वार्ता की गयी तो जैदी ने बताया की हम गुलाम हुसैन के पुल पे उस समय मौजुद थे हमको सुचना मिली के त्यागी के मकान यतीम खाने मे कुछ लोग इकटठा हुए है वहां कुछ विवाद हो रहा है जब हम वहां पहुचे तो देखा वहां पे शमील शम्शी करीब 25 लडको के साथ त्यागी के मकान पे खडे थे जिसकी जानकारी हमने तत्काल इंस्पेटर को दी तो इंस्पेटर ने उच्च अधिकारीयों से बात कर कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिये हमसे कहा की मकान में ताला डाल के चाबी ले आओ और हमनें मकान में ताला डाल के चाबी थाने पर दे दी तब से मकान की चाबी थाने पर ही है।