*Press Note:-*
लखनऊ :इमाम जफ़र सादिक़ अस की यौमे शहादत पर हुसैनी फाउंडेशन और हुसैनी चैनल की तरफ से आज छोटा इमामबाड़ा में मजलिस का आयोजन किया गया मजलिस का आगाज़ इलाव्ते कलामे मजीद से कारी रिज़वान हैदर नक़वी ने किया मजलिस में वक़ार सुल्तानपुरी , नायब बलियावी , इफ़्हाम उतरौलवी , जिनान ज़फराबादी , आदि ने बारगाहे इमाम में मन्ज़ूम नज़राने अक़ीदत पेश किया। इमदाद इमाम ने तक़रीर करते हुए किसी भी ज़माने में अल्लाह ने हमारी हिदायत के लिए इमाम न भेजा हो हिदायत के लिए नबी स की बाद १२ जानशीन अल्लाह ने बनाये ताकि हिदायत का सिलसिला चलता रहे। डॉ असद अब्बास ने मजलिस से पूर्व सम्बोधित करते हुए कहा की इमाम जफ़र सादिक़ अस के ज़माने में विज्ञानं की शिक्षा का बहुत ही ज़्यादा प्रसार हुआ इमाम ने जो बातें कहीं विज्ञानं में सब सही पायी गयी उन्होने इमाम जफ़र सादिका स के समय में विज्ञानं की शिक्षा पर प्रकाश डाला।
मजलिस को मौलाना फैज़ अब्बास मशहदी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि क़ुरआन में लगभग 12 जगहों पर इमाम और इमामत का ज़िक्र मिलता है उन्होंने कहा इमामत और खिलाफत खुदा की तरफ से दी गयी नेमत है जिससे इंसान गुमारहि से बचा रहे और उसको हिदायत मिलती रही मौलाना ने कहा किइमाम सदिकास का किरदार अपने ज़माने में वैसा ही है जैसा नबी का किरदार मक्का में था उन्होने वहां भी झूठे औरमक्कारों में सच्चे दीं की ज़रूरत थी इमाम सादिक़ अमीन थे आखिर में मौलाना ने इमाम सादिक़ अस की शहादत का ज़िक्र किया। मजलिस के बाद शबीह ताबूत इमाम जाफर सादिक़ अस की ज़्यारत कराई गयी और अंजुमन नैयरुल इस्लाम ने नौहा ख्वानी और सीनाजनी की।