लविप्रा का रवैया: हर जगह शह दबाव मंे मात
उपाध्यक्ष महोदय, क्या यहां सातवीं मंजिल भी बनवाएंगे?
(सत्ता की शान)
लखनऊ, 25 अप्रैल। लविप्रा में इन दिनों शह और मात का खेल जोरों पर चल रही है। कारिंदे-अभियंता मौका रहने पर अवैध निर्माण को लेकर शह और ऊपर से शासन का दबाव पड़ते ही अवैध निर्माण पर त्वरित कार्रवाई कर मात का खेल खेल रहे है। अन्यथा हाल यह भी है वर्षों ध्वस्तीकरण की कार्यवाई का आदेष होने के बावजूद कार्रवाई रोकी हुई है। नाका चैराहे के पास गणेषगंज रोड वह इलाका है जो चारबाग के बहुत करीब है, यही वजह है कि बिल्डर्स की निगाहें तो यहां की बेषकीमती एक-एक ज़मीन पर जमी रहती हैं, मगर लखनऊ विकास प्राधिकरण के यहां तैनात अभियंता और उच्चाधिकारी की नज़र यहां चल रहे अवैध निर्माण की ओर से मिलीभगत होने के आंखे मूंदे रहते हैं। चित्र में दिख रही नाका हिन्डोला चैराहे व नाका थाने से महज दो सौ मीटर की दूरी पर गणेषगंज रोड पर है। बेसमेण्ट के साथ तैयार हो रही ये इमारत इन दिनों तेज़ी से बन रही है। क्या सम्भव है क्षेत्र में तैनात एलडीए अभियन्ता को इसकी जानकारी न हो? जानकारी जरूर होगी मगर इस पर कार्रवाई नहीं की गई है। अगर कार्रवाई होती तो निश्चित ही नक्षे के विपरीत कराया जा रहा यह निर्माण शर्तिया रुक गया होता। ऐसा भी नहीं है निर्माण अभी शुरू हुआ हो, छोटा बच्चा भी इमारत देखकर बता देंगा बेसमेण्ट के साथ पांच मंजिल तक पहंुच चुकी और छठी मंजिल की तैयारी कर रही यह इमारत पक्के तौर पर कई महीनों से बन रही है। हाल के दिनों में एलडीए के प्रवर्तन दल की अवैध निर्माण पर निगाहें तिरछी हुई हैं और जबर्दस्त कारवाई चल रही है। इसके बावजूद अगर यह इमारत बेरोक-टोक आसमान चढ़ती जा रही है तो यह भी तय माना जाना चाहिए कि यह और इस तरह के अनाधिकृत निर्माण एलडीए कर्मचारियों की सरपरस्ती और क्षेत्र में तैनात अभियंताओं की मिलीभगत से ही चल रहे हैं। एलडीए और जिलाप्रषासन के उच्चाधिकारी अगर मानक विरुद्ध और अवैध निर्माण को लेकर मौका मुआयना करें तो ऐसे निर्माण मानकों का उल्लंघन करने वालों पर लगाम सम्भव है। क्यों लविप्रा उपाध्यक्ष महोदय, यहां हरकत में आएगा, एलडीए का अमला?
नाका हिंडोलाः- होंगे निर्माण मानक! हमारे ठेंगे से!!
