इमाम जमाना अ0ज0 की शान में गुसताखी वास्तव में पैगंबर की शान में गुस्ताखी हैः मौलाना सैफ अब्बास

प्रेस विज्ञप्ति
इमाम जमाना अ0ज0 की षान में गुसताखी वास्तव में पैगंबर की शान में गुस्ताखी हैः मौलाना सैफ अब्बास
लखनऊ 01 दिसंबर 2021 शकील अहमद के बयान के सिलसिले में आज दिलदार अली गुफरानमॉब फाउंडेशन के कार्यालय में बैठक हुई. मौलाना तसववुर हुसैन ने पवित्र कुरान पढ़कर बैठक की शुरुआत की। बैठक की अध्यक्षता मौलाना सैयद सैफ अब्बास नकवी ने की। अपने उद्घाटन भाषण में मौलाना गुलाम अली मंगलौरी ने कहा कि हैदराबाद के मोहल्ला कुलसूम पुरा में स्थित अबू हुरैरा एजुकेशनल सूसाइटी के सदस्य शकील अहमद ने बारहवें इमाम हजरत मेहदी अ0ज0 के शान में असहनीय अपमान कर पूरे शिया राष्ट्र के दिलों को आहत किया है. उसने अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जिससे शिया राष्ट्र की धार्मिक मान्यताओं और भावनाओं को ठेस पहुंची। वसीम लांती ने पैगंबर की षान में गुसताखी की है जबकि शकील अहमद ने आले रसूल इमाम मेहदी अ0ज0 शान में गुसताखी की है।
मौलाना मोहम्मद रजा एलिया ने कहा कि वसीम और शकील लांती दोनों वास्तव में गुसताखी और अहंकार और असामाजिक तत्वों में बराबर के भागीदार है। इसलिए हम भारत की राज्य और केंद्र सरकारों से अपील करते हैं कि शकील अहमद को जल्द से जल्द गिरफ्तार करें जो धार्मिक नफरत फैलाने, साम्प्रदायिक फसाद को भड़काने और देश की शांति व्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश कर रहा हैं।
अंत में मौलाना सैयद सैफ अब्बास ने अपने भाषण में कहा कि सोची की साजिश के तहत देश के लोगों में एख्तेलाफ फैलाने का एक व्यर्थ प्रयास किया जा रहा है। शिया सुन्नियों के बीच नफरत फैलाने के लिए शकील अहमद लानती सलफी इमामे ज़माना की शान मे गुसताखी करता है। मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि हम मुस्लिम समाज से अपील करते हैं कि जिस तरह सभी मुसलमानों ने वसीम लांती का विरोध किया था, उसी तरह सारा समाज शकील अहमद लांती का विरोध करना चाहिए। शकील लांती के खिलाफ भारतीय कानून के तहत एफ0आई0आर0 दर्ज की जानी चाहिए क्योंकि इमाम जमाना अ0स0 की शान मे गुसताखी वास्तव में रसूल की शान मे गुसताखी है।
मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि अहल-ए-सुन्नत की किताबों मे पैगंबर की हदीसों को नकल किया है जिसमें इमाम जमाना अ0ज0 के परदए गैब के साथ-साथ ज़हूर के बारे में हदीस भी हैं। बैठक मे मौलाना सैयद मुहम्मद मशरेकैन रिजवी, मौलाना नफीस अख्तर, मौलाना मिर्जा वाहिद हुसैन, मौलाना अली अब्बास नूरानी, मौलाना सैयद रजा अब्बास, मौलाना सुहैल अब्बास, मौलाना काजिम वहीदी, मौलाना अफजाल हुसैन काजमी, मौलाना आसिफ सेथली, मौलाना नासिर अब्बास मौजूद थे।