वसीम रिजवी द्वारा मोम्मद साहब पर लिखी किताब पर वाद विवाद–किसी भी तरह की साजिश का शिकार न बने और किसी भी तरह की प्रतिक्रिया न देंमौलाना खालिद रशीद फरंगी महली

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चैयरमैन वसीम रिजवी ने पैगंबर मोहम्मद साहब की जिंदगी पर किताब लिख कर नया विवाद खड़ा कर दिया है।धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने रिजवी की किताब को बैन किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी ने दुनिया के तमाम मुसलमानों के जज्बातों को ठेस पहुंचाई है। रिजवी ने कुरान की मुखालफत की है। हम हिन्दुस्तानी हुकूमत से मांग करते हैं कि किसी भी मजहब के खिलाफ ऐसी बातें लिखना और पैगंबर की मुखालफत करना, किसी भी तरीके से वाजिब नहीं ठहराया जा सकता।

किताब का नाम भी तौहीन के अंदाज में लिखा गया है। इस मामले में रिजवी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो और किताब को बैन किया जाए।वसीम रिजवी ने गाजियाबाद के डासना के महाकाली मंदिर में दर्शन करने के बाद महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से अपनी विवादित किताब ‘मोहम्मद’ का विमोचन कराया। वसीम का दावा है कि ‘इस्लाम दुनिया में क्यों आया और इतना आतंकवादी विचार क्यों रखता है?’ इसी को यह किताब उजागर करती है। इसके अलावा उनका दावा है कि ये किताब पैगंबर मोहम्मद साहब के चरित्र को उजागर करती है।इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि इस तरह की हरकतें किसी खास मकसद को पूरा करने के लिए लगातार की जा रही हैं। उन्होंने मुसलमानों को मशविरा देते हुए कहा कि वो किसी भी तरह की साजिश का शिकार न बने और किसी भी तरह की प्रतिक्रिया न दें जो सामने वाले व्यक्ति अपना मकसद पूरा कर सके।पैगंबर मोहम्मद साहब की जिंदगी पर बहुत से गैर मुस्लिम विद्वानों ने अच्छी किताबें लिखी हैं, जैसे माइकल हार्ट की किताब काफी अच्छी है आप उसे पढ़ सकते हैं। मौलाना ने कहा कि विज्ञान की किताब वही पढ़ी जाती है जिसे कोई वैज्ञानिक या कोई जानकर लिखता है। जो इंसान खुद ही जाहिल है उसकी लिखी चीजों को नजरअंदाज करने की जरूरत है।