चैाक मण्डी में जलसा सीरतुन्नबी सल्ल0 व नातिया मुशायरा आयोजित हुआ
लखनऊ, 18 अक्तूबर।
नबी पाक सल्ल0 की विलादत पूरी दुनिया के लिए रहमत है। इस जहाँ में आप सल्ल0 के आने से एक नया सूरज रौशन हुआ। जो लोग अपने खालिक़ व मालिक को भूल चुके थे। आप सल्ल0 की दावत से उन्होने अपने मालिक व खालिक़ को पहचाना। हलाल व हराम और जायज़ व नाजाज़ सच और झूठ और हक़ व बाति़ल का फर्क समझा।
इन ख्यालात का इज्हार कायद मिल्ल्त मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने किया। वह आज मर्कज़ी मीलाद कमेटी चैाक, मण्डी लखनऊ के अन्र्तगत जश्न खैरूल बशर में एक जलसे को सम्बोधन कर रहे थे। मेहमानों का स्वागत कमेटी के अध्यक्ष मुहम्मद उस्मान और महासचिव मुहम्मद रईस, मो0 सोहराब राईनी, कलीम खाॅ और मो0 शुएैब ने किया। जलसे का संचालन रफत शेदा सिद्दीक़ी ने की।
मौलाना फरंगी महली ने कहा कि हमारे सच्चे और अन्तिम रसूल पाक सल्ल0 रहमत, शफकत और मुहब्बत का अजीम नमूना थे। आप सल्ल0 ने अपनी जिन्दगी में जिस समाज की स्थापना की थी वह कयामत तक आने वाले तमाम इंसानों के लिए नमूना है। आप सल्ल0 ने अपने सच्चे सहाबाक्राम रजि0 की जिस तरह तरबियत फरमाई वह भी पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गई।
मौलाना ने तमाम मुसलमानों पर जोर दिया कि मुहब्बत रसूल पाक सल्ल0 के केवल नारों और दावों से नही बल्कि अपनी जिन्दगी में सुन्नत रसूल की पाबन्दी करके ही मुहब्बत रसूल और इश्क नबी का हमारा दावा सही होगा।
आॅल इण्डिया सुन्नी बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मुश्ताक़ ने कहा कि इस्लामी शरीअत की हिफाजत हर मुसलमान की पहली जिम्मेदारी है। यह शरीअत कुरान करीम और हदीस नबवी सल्ल0 पर कायम है। इस लिए इस पर अमल करना मुसलमान होने की निशानी है।
उन्होने कहा कि सीरतुन्नबी सल्ल0के जलसों का उद्देश्य रसूल पाक सल्ल0 की सीरत के इन पहलुओं को बताना है जिनकी रौशनी में हम जीवन व्यतीत कर सकते हैं ताकि हमारा मालिक खुश हो जाए। उन्होने मुस्लिम समाज में दाखिल होने वाली रस्म व रिवाज और बुराईयों को दूर करने की नसीहत की। उन्होने प्यारे नबी की सुन्नतों पर अमल करने की जरूरत पर जोर दिया।
जलसे में तकरीरों के बाद नातिया मुशायरा हुआ जिसकी अध्यक्षता कमेटी के अध्यक्ष मुहम्मद उस्मान ने किया।