अफ़ग़ानिस्तान में शियों के नरसंहार के ख़िलाफ और उनकी सुरक्षा के लिए मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने संयुक्त राष्ट्र और प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा
लखनऊ 16 अक्टूबर : अफ़ग़ानिस्तान में शियों के नरसंहार और मस्जिदों पर जारी आतंकवादी हमलो की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए मजलिसे-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव , इमामे जुमा मौलाना सै० कल्बे जवाद नक़वी ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में लंबे समय से शियों का नरसंहार जारी है जिस के ख़िलाफ विश्व शांति संगठनों, संयुक्त राष्ट्र और मुस्लिम लीडरों को गंभीरता से विचार करना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से शियों के नरसंहार पर सभी ने चुप्पी साध रखी है। पिछले एक हफ्ते में दो बार, शिया मस्जिदों को आतंकवादियों ने निशाना बनाया है, जिसमें सैकड़ों लोग शहीद हो चुके हैं। आतंकवादियों ने पिछले जुमे को क़न्दुज़ सूबे की एक मस्जिद में नमाज़ियों पर हमला किया था, जिसमें सैकड़ों लोग शहीद और घायल हुए थे।
मौलाना ने कहा कि आख़िर क्या वजह कि अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के क़ब्ज़े के बाद लगातार शियों को मारा जा रहा हैं? तालिबान जो अफग़ानों की सुरक्षा का दावा कर रहे हैं, इन घटनाओं से उनके सारे दावों की पोल खुल गयी है। तालिबान अपराधियों को पकड़ने में नाकामी का शिकार हैं। और सिर्फ सहानुभूति के संदेश जारी करके अपनी ज़िम्मेदारी पूरी कर रहे हैं। मौलाना ने कहा कि तथाकथित इस्लामी संगठन और औपनिवेशिक शक्तियां अफ़ग़ानिस्तान में शियों के नरसंहार के लिए ज़िम्मेदार हैं। अफ़ग़ानिस्तान को बिना किसी मुज़ाहमत के तालिबान के हवाले कर देना अमरीका की सुनियोजित साज़िश है जिसके तहत अल्पसंख्यकों का नरसंहार जारी हैं। उसके बाद पड़ोसी देशों को निशाना बनाया जाएगा। इसलिए हम संयुक्त राष्ट्र, विश्व शांति के लिए जिम्मेदार संगठनों और भारत सरकार से अपील करते हैं कि वो इस संबंध में कड़े क़दम उठाते हुए सक्रिय आतंकवादी संगठनो पर लगाम कसे और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। अगर अफ़ग़ानिस्तान की सूरते हाल पर क़ाबू न पाया गया तो आतंकवाद की आग पड़ोसी देशों तक भी पहुंचे गी।
मौलाना ने अफ़ग़ानिस्तान में शियों के नरसंहार के ख़िलाफ और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित बनाये जाने के लिए संयुक्त राष्ट्र और प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय को पत्र लिख कर सूरते हाल पर क़ाबू पाने और आतंकवादी संगठनो को जड़ से उखाड़ फेंकने की मांग की हैं।
जारी कर्ता : मजलिसे-ए-उलेमा-ए-हिंद