आप सल्ल0 का निर्णय रहमत का दर्पण है: मौलाना खालिद रशीद
दारूल उलूम फरंगी महल में जलसों का सिलसिला जारी
लखनऊ, 14 अक्तूबर।
इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल के अर्न्तगत दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल की जामा मस्जिद ईदगाह लखनऊ में 12 दिवसीय ‘‘जलसा सीरतुन्नबी स0 व सीरत-ए-सहाबा रजि और तहफ्फुजे शरीअत’’ के जलसे कोविड-19 के प्रोटोकाल और सरकार की गाइड लाइन को देखते हुए यह जलसे आयोजित किये जा रहे हैं।
सातवें जलसे का आरम्भ कारी अब्दुल मुगीस अध्यापक दारूल उलूम फरंगी महल की तिलावत कलाम पाक से हुआ।
इस अवसर पर इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली नाजिम दारूल उलूम फरंगी महल ने अपने सम्बोधन में कहा कि अल्लाह के आखिरी नबी स॰ सारी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए। आप स॰ के अख़लाक़, आप स॰ के किरदार, आप स॰ के मुआमलात, आप स॰ की शरीअत और आप स॰ के फैसले सभी रहमत का आइना हैं।
उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल स॰ के नज़दीक रहमत कोई नफली काम नही है बल्कि यह जिन्दगी की जिम्मेदारियों में से एक बड़ी जिम्मेदारी है। जहन्नम से निजात दिलाने वाला एक बहुत बड़ा अमल है। इसी लिए अल्लाह के बन्दों के साथ किये जाने वाले हमारे रहीमाना अमल को अल्लाह के रसूल स॰ ने अल्लाह की जात से करीब होने का जरिया बताया है। मरीज से मुलाक़ात, अल्लाह से मुलाक़ात है, भूकों को खाना खिलाना, अल्लाह को खिलाना है, प्यासों को पिलाना, अल्लाह को पिलाना है।