अधिकारी फील्ड में उतरकर बारिश से नुकसान का लें जायजा.योगी

(सत्ता की शान)
लखनऊ,17 सितम्बर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि नगर निकाय और पंचायती राज के सभी अधिकारी और कर्मी फील्ड में उतर कर रिकॉर्ड तोड़ बारिश के कारण हुए नुकसान का जायजा लें और लोगों को समुचित राहत पहुंचाएं। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग और नगर निकाय को यह भी निर्देश दिया है कि जलजमाव के कारण कोई रोग ना फैले इसके लिए यथोचित उपाय करें। बृहस्पतिवार को प्रदेश भर में बारिश के दौरान हादसों में 30 लोगों की मौत हो गई और कई जख्मी हुए। राजधानी लखनऊ में बीते 36 घंटे में 222 मिमी बरसात रिकॉर्ड की गई। यहां तेज बारिश के दौरान खंभे में करंट उतरने से अलीगंज में एक किशोर की मौत हो गई। वहीं मड़ियांव के मोहिबुल्लापुर स्टेशन के सामने मैदान के गड्ढे में भरे पानी में डूबकर दो किशोरों की मौत हो गई। ग्रामीण क्षेत्र में कुछ जगह मकान, दीवार गिरने की घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर जलभराव व पेड़ गिरने से यातायात बाधित रहा। बरसात में फसलों, सब्जियों को भी खासा नुकसान पहुंचा है। इटावा में जलभराव व कई जगह पेड़ गिरने से यातायात बाधित रहा। औरैया में शहर से लेकर ग्रामीण इलाके जलमग्न हो गए। कई जगहों पर पेड़ और बिजली के खंभे टूटने से 200 गांवों की बिजली गुल हो गई। फर्रुखाबाद में कई स्थानों पर पेड़ टूटने से बिजली गुल हो गई। शहर के कई मोहल्लों में जलभराव होने से लोग परेशान रहे। सीएसए के मौसम विभाग के रिकार्ड के मुताबिक 16 सितंबर को कानपुर परिक्षेत्र में 15 साल बाद इतनी बारिश हुई है।गोरखपुर और बस्ती मंडल में बुधवार और बृहस्पतिवार की मध्य रात्रि में हुई बारिश से आम जनजीवन प्रभावित हो गया। कई इलाकों में जलभराव से लोगों को परेशानी हुई तो कई जगह पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। बस्ती के कृषि वैज्ञानिक डॉ. सौरभ दीक्षित ने बताया कि बारिश मध्यावधि धान की फसलों के लिए काफी नुकसानदायक है। खलीलाबाद के जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्वकर्मा ने बताया कि 39 मिलीमीटर बारिश हुई है। देवरिया और कुशीनगर में भी बारिश से कई इलाकों में जलभराव हो गया। स्कूलों में पानी भरने की वजह से कई विद्यालयों में छुट्टी करनी पड़ी।