प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश को संबोधित किया. इसमें खास फोकस कोरोना वायरस और लॉकडाउन पर रहा. हालांकि कयास लगाए जा रहे थे कि चीन के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री कुछ बोल सकते हैं. संबोधन में चीन का जिक्र न होने पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा कि आज चीन पर बोलना था, बोल गए चना पर.
टि्वटर हैंडल पीएमओ इंडिया को टैग करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, “आज चीन पर बोलना था, बोल गए चना पर. दरअसल, इसी की जरूरत भी थी क्योंकि आपके अनियोजित लॉकडाउन ने कई लोगों को भूखा छोड़ दिया है.” त्योहारों को लेकर भी ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन पर निशाना साधा. ओवैसी ने कहा, “आपने आगामी महीने में पड़ने वाले कई पर्व-त्योहारों का नाम लिया लेकिन बकरीद को भूल गए. चलिए, फिर भी आपको पेशगी ईद मुबारक.”
कांग्रेस का भी हमला: कांग्रेस ने भी एक ट्वीट में कहा है कि ‘प्रधानमंत्री को अनियोजित लॉकडाउन से देशवासियों को हुए फायदे बताने चाहिए. कोरोना नियंत्रण के लक्ष्य में तो लॉकडाउन पूर्णतया विफल साबित हुआ है. देश जानना चाहता है कि अनियोजित लॉकडाउन के तय लक्ष्यों को देश पा सका है या नहीं’?
इसके साथ ही कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के संबोधन में चीन मुद्दे का जिक्र न होने पर भी सवाल उठाया. एक ट्वीट में कांग्रेस ने कहा कि चीन की आलोचना करने वाली बात भूल जाएं, अपने राष्ट्रीय संबोधन में वे (प्रधानमंत्री) इसका जिक्र करने से भी डरते हैं. कांग्रेस ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन कोई सरकारी अधिसूचना हो सकती थी. हालांकि कांग्रेस ने गरीबों के लिए अनाज योजना को नवंबर तक बढ़ाए जाने की सराहना की।
कांग्रेस ने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आग्रह पर गौर किया है जिसमें गरीबों को मुफ्त अनाज देने की योजना को आगे बढ़ाने की मांग की गई थी।
क्या कहा प्रधानमंत्री ने: अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ते-लड़ते हम अनलॉक-2 में प्रवेश कर रहे हैं. हम इसी के साथ सर्दी-खांसी-बुखार के मौसम में भी प्रवेश कर रहे हैं. लोगों से अपील है कि अपना पूरा ख्याल रखें. अनलॉक-1 के बाद लोगों की लापरवारी बढ़ती जा रही है. कंटेनमेंट जोन में ज्यादा ध्यान रखना होगा. लोगों को लॉकडाउन जैसी सतर्कता बरतनी होगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि लापरवाही बरतने वाले लोगों को समझाएं. देश में कोई भी नियम से ऊपर नहीं है. गांव का प्रधान हो या पीएम कोई भी नियम से ऊपर नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, अगर कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को देखें तो दुनिया के अनेक देशों की तुलना में भारत संभली हुई स्थिति में है. समय पर किए गए लॉकडाउन और अन्य फैसलों ने भारत में लाखों लोगों का जीवन बचाया है. लेकिन जब से देश में अनलॉक वन हुआ है तब से लापरवाही कुछ बढ़ती जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, पहले हम मास्क को लेकर, दो गज की दूरी को लेकर, 20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे. अब सरकारों को, स्थानीय निकाय की संस्थाओं को, देश के नागरिकों को, फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है।