दरिया वाली मस्जिद की दीवार तोड़े जाने के विरोध में शिया धर्मगुरू एकजुट, धरने पर बैठे

दरिया वाली मस्जिद की दीवार तोड़े जाने के विरोध में शिया धर्मगुरू एकजुट, धरने पर बैठे(सत्ता की षान संवाददाता)लखनऊ, 15 अक्टूबर। एक दिन पूर्व चैक थाना क्षेत्र में स्थित दरिया वाली मस्जिद की दीवार नगर निगम द्वारा तोड़े जाने के विरोध में शिया धर्मगुरू एकजुट हो गये है और दीवार पुनः बनाये जाने की मांग को लेकर मौके पर धरने पर बैठ गये है।धरने पर बैठने वालों में मौलाना यासूब अब्बास, मौलाना सैफ अब्बास, मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी एवं उनके समर्थक शामिल है। अपने बयान में मौलाना यासूब अब्बास ने कहा है कि  यह बेहद अफसोसनाक है कि इस मामले में जिला प्रशासन और नगर निगम ही दोषी नहीं है बल्कि हमारी कयादत और हम खुद जिम्मेदार है। दरिया वाली मस्जिद के गेट नं. 3 की दीवार जिस तरह से तोड़ी गयी वह बेहद अफसोसनाक है। प्रशासन जुलूसों को लेकर या अन्य मौकों पर हमारे मौलानाओं से बातचीत करता है लेकिन इस संबंध में किसी भी तरह की बातचीत नहीं की गयी। जब यह घटना हुई उस समय मैं मजलिस के लिए सीतापुर में था। इस मामले में वक्फ बोर्ड और दरिया वाली मस्जिद के मुतवल्ली को भी बोलना चाहिए। वहां मौजूद मुतवल्ली की पूरी जिम्मेदारी बनती थी कि वह इस संबंध में पहले से ही जानकारी देते लेकिन ऐसा नहीं किया गया। मौलाना यासूब अब्बास ने अपने बयान में आगे कहा कि यह घटना ट्रायल के रूप में हो सकती है। आगे चलकर सुल्तानुल मदारिस एवं हुसैनाबाद ट्रस्ट में भी तोड़फोड़ की जा सकती है।वहीं एक अन्य मौलाना सिब्तैन नूरी ने अपने बयान में कहा है कि कौम के ऊपर लगातार जुल्म किये जा रहे है। क्या प्रशासन में इतनी हिम्मत है कि वह किसी मंदिर या गुरूद्वारे में जाकर ऐसी हरकत कर सकता है। हालांकि ऐसा होना भी नहीं चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में सभी को आगे आना चाहिए लेकिन उन लोगों को नहीं जो किसी सियासी दल से जुड़कर मंत्री या एमएलसी बनना चाहते है या किसी अन्य तरह का फायदा उठाना चाहते है। सभी लोग शांतिपूर्वक ढंग से विरोध व्यक्त करें।