शहाब आलम ने रानू उर्फ सै. वफा अब्बास पर लगाया फर्जी तरीके से प्लाट को पुश्तैनी मकान दिखाकर बेचने का लगाया आरोप
मामला थाना सआदतगंज का
शहाब आलम निवासी पीर बुखारा ने सआदतगंज थाना क्षेत्र में रहने वाले रानू उर्फ सै. वफा अब्बास पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रार्थी शहाब आलम का कश्मीरी मोहल्ला स्थित एक प्लाट जिसकी संख्या खसरा संख्या 73 कश्मीरी मोहल्ला लखनऊ में स्थित है।
जिस पर रानू उर्फ वफा अब्बास व इनका भाई रजा अब्बास पिछले दस वर्षों से हमारे प्लाट पर नजर गढ़ाए हुए थे, जबकि शहाब आलम ने जनवरी 1995 में खालिद सलीम खां सचिव लखनऊ सहकारी आवास समिति से पंजीकृत इकरारनामा किया था। चार हजार वर्गफिट जमीन खरीदने का इकरारनामा किया था। उसमें से एक प्लाट 30 मई 1995 को 1120 वर्गफिट सै. शबाब हुसैन निवासी इमामबाड़ा तकी साहब चैक लखनऊ तथा एक प्लाट 30 जून 1995 को 912 वर्गफिट सै. तनवीर फात्मा एवं सै. अफरोज हैदर रिजवी के हाथों बेचा था। उक्त प्लाट का ही बचा हुआ हिस्सा 851 वर्गफिट की रजिस्ट्री 21.10.2014 को बैनामा करा लिया गया। उसके पश्चात 14 अप्रैल 2015 को उक्त प्लाट की सफाई कराने गये तो उपरोक्त दोनों व्यक्ति तथा साथ में अन्य लोगों ने आकर प्लाट पर मलबा उठाने का काम कर रहे गधे वाले मजदूरों को मारपीट कर भगा दिया और फिर हमसे गाली-गलौज करी और हमसे कहने लगे कि जब तक हम लोगों को पांच लाख रुपये नहीं दोगे तो हम किसी भी प्रकार का तुमको काम नहीं करने देंगे। प्रार्थी द्वारा उक्त प्लाट के संबंध में किसी भी प्रकार का कोई कागज या रसीद, रजिस्ट्री आदि कागज हो तो तुमको दिखाने का कष्ट करें। उक्त पर कहा गया कि नहीं तो हम इसके फर्जी कागज बनवा लेंगे।
प्रार्थी द्वारा पुनः प्लाट का मलबा एवं चाहरदीवारी उठवाने हेतु दिनांक 19.02.2019 को प्रार्थी ने थाना सआदतगंज एवं उच्च अधिकारियों को लिखित रूप से पुलिस सुरक्षा प्रदान करने हेतु अनुरोध पत्र भी दिया गया था। तत्पश्चात् प्रार्थी दिनांक 18.03.019 को थाने पर यह सूचना दी कि कल से हम प्लाट पर मलबा उठाने तथा निर्माण कार्य कराना शुरू करेंगे तो थाने पर पुलिस द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि आप काम शुरू करें अगर कोई घटना होती है तो तुरन्त पुलिस को सूचित करें। प्रार्थी द्वारा दिनांक 19 मार्च को मलबा उठाने का काम शुरू कराया गया उसके कुछ ही देर बाद कश्मीरी मोहल्ला निवासी रजा अब्बास एवं रानू उर्फ वफा अब्बास तथा अन्य लोग मौके पर आकर के गाली-गलौज हुआ व मारपीट करना शुरू कर दी और काम कर रहे मजदूरों को भगा दिया। जिसमें मेरे भाई जिनका हार्ट का आपरेशन हो चुका है, उनको हमसे मारपीट करने लगे व गाली-गलौज करने लगे व जान से मारने की नीयत से हमला किया जिसमें मेरे भाई के घुटने में चोट आ गयी व उनका काफी खून भी बह गया। जिस पर प्रार्थी ने तुरंत 100 नम्बर पर पुलिस को डायल किया, मौके पर पुलिस आई, थाना इंचार्ज व चैकी इंचार्ज के मौके पर पहले ही वह लोग भाग गये लेकिन प्रार्थी द्वारा मारपीट की वीडियो बना ली गयी थी जो कि पुलिस को दिखायी गयी तो तुरंत पुलिस ने उसी आधार पर मुकदमा अ.संख्या 85/19 धारा 147/323/504/506/427 आईपीसी में दर्ज किया गया और उन लोगों से कहा गया कि आप सबके पास इस प्लाट के संबंध में किसी भी प्रकार का कोई पेपर हो तो उसको तुरंत थाने में लाकर दिखाये रजा अब्बास व जिनके नाम मुकदमा था उन्होंने अपनी जमानत करवा ली। और एक माह बीत जाने के पश्चात 20 अप्रैल तक भी किसी भी प्रकार का किसी के द्वारा प्लाट के संबंध में कोई कागज प्रस्तुत नहीं किया गया। तब जमीनी विवाद को देखते हुए पुलिस ने रजा अब्बास को थाने पे बातचीत करने हेतु बुलाया और उससे पूछा कि तुम्हारे पास जमीन के कुछ कागजात है उसने कहा नहीं है और पुलिस को लिखकर दिया कि अभी हमारे पास कागज नहीं है जब हमारे पास कागज आयेंगे तब हम पुलिस के पास आयेंगे और पुलिस काम को रूकवायेगी। इसी बीच अचानक 25 अप्रैल को रात में एक फर्जी रजिस्ट्री बज्मी जहां पत्नी सरताज हुसैन उर्फ भैया द्वारा थाने में प्रस्तुत की गयी जिसमें प्लाट को भवन दर्शाते हुए रजिस्ट्री की गयी है और यह रजिस्ट्री रानू उर्फ वफा अब्बास के द्वारा फर्जी तरीके से प्लाट को अपना अपनी पुश्तैनी रिर्हाइाशी मकान दिखाते हुए बेचा गया है। जबकि मौके पर पिछले 25 साल से उक्त प्लाट पर एक कू़ड़े और मलबे का ढेर लगा हुआ था वहां कभी मकान था ही नहीं, यह पुलिस भी 19 मार्च को स्वयं देखकर आयी थीं। सूत्रों द्वारा प्रार्थी को ज्ञात हुआ कि बज्मी जहां पत्नी सरताज मिर्जा उर्फ भैया ने न्यायालय को गुमराह करते हुए प्लाट को रिहाईशी भवन दिखाकर मकान से बेदखली करने व यथास्थिति बनाये रखने का स्टे लेकर आयीं है। कल दिनांक 28 अप्रैल को पुलिस को लेकर पहुंची और चल रहे काम को इंस्पेक्टर सआदतगंज द्वारा दोपहर में ही काम को रूकवा दिया गया था।
लेकिन जब सत्ता की शान की टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय निवासियों ने बताया कि यहां पर पिछले 25-30 सालों से कभी मकान अस्तित्व में नहीं था। जिसके फोटोग्राफ भी हमारी टीम ने खींचे। अब सवाल यह उठता है कि नगर निगम जोनल-6 अधिकारी ने किस आधार पर बिना जांच किये 15 मार्च 2019 को नगर निगम में प्लाट को पुराना भवन 396/221 कश्मीरी मोहल्ल उत्तरी को दिखाते हुए को बज्मी जहां के नाम नगर निगम में दर्ज कर दिया। इस संबंध में नगर आयुक्त से संपर्क करने की कोशिश की गयी तो उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।
शहाब आलम .9415004754