हजरत अब्बास के जन्मदिवस पर सजी मस्जिदे व इमामबाड़े, हुई महफिलें

लखनऊ। राजधानी के रूस्तम नगर स्थित दरगाह हजरत अब्बास में हजरत अली के बेटे हजरत अब्बास के जन्मदिन पर बुधवार को अकीदतमंदों को देश के सबसे बड़े अलम की जियारत कराई गई। इस मौके पर ‘जश्ने हजरत अबुल फजलिल अब्बास शीर्षक से महफिल का आयोजन किया गया। इसमें मौलाना कल्बे जवाद, मौलाना हबीब हैदर समेत देश भर से आए कई उलमाओ ने हजरत अब्बास की शान में कसीदें पढ़े। दरगाह के बाहर सबीले भी लगाई गई।

जश्न का आगाज तिलावत ए कुरान से कारी तुफैल हसन ने किया।

इसके बाद बच्चों ने हजरत अब्बास की शान में मनकबत पेश की। बैठे ही रहो परचमे अब्बास के नीचे तकदीर बदल देगी फरैरे की हवा आज।

कार्यक्रम में मौलाना कल्बे जवाद ने हजरत अब्बास की फजीलत को बयान किया। मौलाना ने कहा कि जनाबे अब्बास हजरत अली की तमन्ना थे। वह जितने बहादुर थे, उससे भी बड़े आलिम थे। मौलाना हबीब हैदर ने कहा कि आज एक ऐसे महान व्यक्ति का जन्मदिन है, जिसके नाम से इतिहास में बलिदान व वफादारी रची-बसी है। जश्न में शुजा उतरौलवी, फरहान बनारसी, मोनिस लखनवी, अली अब्बास छपरवी, फखरी मेरठी, नायाब बलियावी, शबरोज कानपुरी, रजी बिसवानी, शबाब जलालपुरी, महबूब अंसारी, जफर नजफी, सादिक लखनवी, मिर्जा लखनवी, असर नसीराबादी, हबीब शारबी व अन्य शायरों ने अपने कलाम पेश किये। इस मौके पर क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की लाईटों से सजावटा की गयी। कार्यक्रम के आयोजक मीसम रिजवी ने जश्न में आये सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया।