प्रेस विज्ञपि
यूनिटी पी० जी० कॉलेज (आई क्यू एसी के तत्वाधान) में 21 अप्रैल से 26 अप्रैल 2025 तक AI & ICT Tools for the Next generation Education & Researchers विषय पर 6 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
किया गया हैं। कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों और शोधकर्ताओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए० आई०) और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) में अत्याधुनिक तकनीकी प्रगति के साथ सशक्त बनाना था ताकि अधिक दक्षता और प्रभावशीलता के लिए शिक्षण, सीखने और एकेडेमिक अनुसंधान को बढ़ाया जा सके।
कार्यशाला की शुरुआत 21 अप्रैल 2025 की मौलाना आज़ाद हॉल में एक उद्घाटन समारोह के साथ हुई और इसका आधिकारिक उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो० अरुणाभ मुखोपाध्याय भारतीय प्रबंधन संस्थान लखनऊ में सूचना प्रौद्योगिकी और सिस्टम क्षेत्र में, और विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर मनुका खत्रा, प्रो वाइस चांसलर, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ ने किया। इस अवसर पर कॉलेज के अध्यक्ष न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तुजा, सचिव मुर्तजा हसनैन खान, कोषाध्यक्ष सुश्री असमा जावेद, प्राचार्य डॉ सुनील धवन, संकाय सदस्य और छात्रों सहित सम्मानित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यशाला में प्रतिदिन दो सत्र होंगे हैं और पहले दिन का पहला सत्र कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सुनील धवन के स्वागत भाषण से शुरू हुआ, जिन्होंने पशैक्षिक और शोध परिदृश्य को नया आकार देने में एआई और आईसीटी उपकरणों के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला । इसके बाद आने वाले दिनों में नियोजित सत्रों का अवलोकन किया। कार्यशाला के पीछे के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि छात्रों को नवाचार और प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित भविष्य के लिए तैयार करने के लिए नवीनतम डिजिटल उपकरणों के साथ शिक्षकों और शोधकर्ताओं को सशक्त बनाना आवश्यक है। प्रो० अरुणाभ मुखोपाध्याय ने कृत्रिम बुद्धि अनुसंधान में भारत की बढ़ती प्रमुखता पर प्रकाश डाला और चर्चा की कि कैसे कृत्रिम बुद्धि से संचालित उपकरण अकादमिक आकतन, व्यक्तिगत शिक्षण और डेटा विश्लेषण में क्रांति ला सकते हैं। प्रो. मनुका खत्रा ने भी दक्षता, उत्पादकता और नवाचार को बढ़ाकर शिक्षा में कृत्रिम बुद्धि और आईसीटी की उभरती भूमिका पर अपनी बहुमत्य अतदृष्टि साझा की।चल रही कार्यशाला के प्रथम दिवस के दूसरे सत्र में “ए आई संवर्धित शिक्षण और अधिगम पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के प्रबंधन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ नूर आलम ने दिया। उन्होंने आधुनिक शैक्षणिक प्रथाओं पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के परिवर्तनकारी प्रभाव पर चर्चा की, इस बात पर जोर दिया कि कैसे एआई-संचालित उपकरण सीखने के अनुभवों को वैयक्तिकृत कर सकते हैं, प्रशासनिक कार्यों को सुव्यवस्थित कर सकते हैं और शिक्षण में डेटा संचालित निर्णय लेने का समर्थन कर सकते हैं। उन्होंने वास्तविक दुनिया के उदाहरणों पर भी प्रकाश डाला और कक्षाओं और शोध सेटिंग्स में एआई प्रौद्योगिकियों के व्यावहारिक अनुप्रयोगों का प्रदर्शन किया।
लखनऊ विश्वविद्यालय से डॉ. किरण लता डंगवाल और डॉ. पुनीत मिश्रा, आईआईआईटीडीएम, जबलपुर से प्रो. अपराजिता ओझा और प्रो. प्रीति खन्ना, एमएनआईटी, जयपुर से प्रो. विनीत साहुला जैसे शिक्षा जगत, उद्योग और अनुसंधान संगठनों के प्रतिष्ठित वक्ता आगामी सत्रों में डिजिटल कक्षा और ऑनलाइन शिक्षण में आईसीटी, डेटा विश्लेषण और विजुअलाइज़ेशन के लिए एआई, शैक्षणिक संस्थानों के लिए एआई अपनाने में चुनौतियों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रस्तुति और चर्चा आदि विषयों पर अपने विचार आगामी सत्रों में साझा करेंगे।