ग़दीर मुनकिर विलायत पर अज़ाब का दिन-ईद ग़दीर को दूसरे धर्म के लोगों तक पहुंचाएं- मौलाना सैफ अब्बास

लखनऊ, 25 जून 2024 इमाम बाड़ा जन्नत मआब सैयद तकी साहब, अकबरी गेट, लखनऊ, आयतुल्लाह सैयद सादिक हुसैनी शिराज़ी के कार्यालय की ओर से मौलाना सै0 सैफ अब्बास की अध्यक्षता में जश्ने ईद ग़दीर आयोजित किया गया। सैयद हसन अब्बास ने कुरान की तिलावत कर जश्न की शुरुआत किया। नययर बहिशती जलालपुरी ने संचालन किया और पहले तनवीर आजमी ने मंज़ूम नज़रानए अकीदत पेश किया। इसके बाद तकरीर करते हुए मौलाना शाबिहुल हसन ने कहा कि ग़दीर के वाकिया से हमे यह सीख मिलती है कि इंसान को हमेशा ग़दीर की महंत्ता और प्रामाणिकता को पहचानने की कोशिश करनी चाहिए और ग़दीर की खूबियों को बयान करने में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।उसके बाद, मौलाना रहबर असकरी ने मंज़ूम नज़रानए अकीदत पेश किया और मौलाना मुस्तफा अली खान ने तकरीर करते हुए कहा कि जब पैगंबर जानते थे कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी वसीयत का पालन नहीं किया जाएगा, फिर भी वह लोगों को ग़दीर का संदेश पहंुचाया और ग़दीर जैसे महत्वपूर्ण संदेश के लिए विशेष रूप से ग़दीर खुम जैसी जगह को चुना और इस ग़दीर के संदेश को क़यामत के दिन तक जीवित कर दिया। इसके बाद मौलाना नसीम हैदर खां ने मंज़ूम नज़रानए अकीदत पेश किया।
मौलाना सैयद सैफ अब्बास ने कहा कि ईद ग़दीर जिसे ईद अकबर कहा जाता है, हमें इस ईद को हफ्ताए विलायत के रूप में मनाना चाहिए क्यों कि आज ही वह दिन है जब हजरत अली (अ.स.) को हज़रत मोहम्मद स0अ0 ने खलीफ घोषित किया गया था और उसके बाद इस्लाम धर्म मुकम्मल हो गया और मुनकरीन वेलायत पर अज़ाब आया, मौलाना सैयद सैफ अब्बास ने कहा कि ईद-उल-फितर हो या ईद-उल-अज़हा,, मुसलमान, मुनाफिक़ सभी इसे मनाते हैं, लेकिन ईद ग़दीर वह पवित्र ईद है जो केवल मोमिन मनाता है।
अंत में मौलाना सैफ अब्बास ने आयतुल्लाह उज़मा सैयद सादिक हुसैनी शिराज़ी की जानिब से भारत के वासियों को बधाई संदेश पहुचाया। मौलाना मजहर इमाम, मौलाना तसनीम अब्बास, मौलाना मुहम्मद रजा इलिया,मौलाना नफीस अख्तर, मौलाना काजिम वाहिदी, मौलाना इजाज़ सीतापुरी, मौलाना डॉ0 सलमान, मौलाना मुहम्मद मशरेकैन, मौलाना कमरुल हसन, मौलाना शफीक आबिदी, मौलाना सुहैल अब्बास, मौलाना नासिर जैदी, मौलाना आसिफ सेथली, मौलाना गुलाम सरवर, मौलाना वजीर हसन जैनबी, मौलाना वाहिद हुसैन, मौलाना अली अब्बास नूरानी, मौलाना तसौवुर हुसैन कानपुरी, मौलाना तफसीर समेत बड़ी संख्या में धार्मिक संस्थाओं के छात्र शामिल हुए।