रमजान ईश्वर से करीब होने का बेहतरीन अवसर: मौलाना सैफ अब्बास

प्रेस नोट
रमजान ईश्वर से करीब होने का बेहतरीन अवसर: मौलाना सैफ अब्बास
लखनऊ… मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने अपने बयान में कहा है कि रमजान के महीना मे सभी मुसलमान अल्लाह की मेहमानी मे हैं, इसलिए यह हर मुसलमान का कर्तव्य है कि वह अल्लाह से करीब हो। मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि हमें यह विचार करना चाहिए कि हमारे रोज़े और इबादत शुद्ध होने चाहिए। क्योंकि रमजान अल्लाह के करीब होने का बेहतरीन अवसर प्रदान करता हैै। खाने-पीने से परहेज करना रोज़ा तो हो सकता है, लेकिन ईश्वर से निकटता तब तक हासिल नहीं होगी जब तक कि आपके सभी अंग, जैसे जीभ, आंख, कान, हाथ और अन्य अंग रोज़े में शामिल न हों। ऐसे में अगर कोई शख्स कुरान और हदीस के मुताबिक रोजा रखे तो वास्तविक तौर पार वह शख्स खुदा के करीब हो जाएगा.
मौलाना ने कहा कि रमज़ान का महत्व और उत्कृष्टता बहुत अधिक है, जैसा कि हज़रत मुहम्मद मुस्तफा (स0अ0) ने कहाः मेरी उम्मत को रमज़ान में कुछ चीजें दी गई हैं जो पहले किसी भी उम्मत को नहीं दी गईं। रोजेदार के मुंह की बदबू अल्लाह के यहां कस्तूरी की खुशबू से भी ज्यादा अहम है। इफ्तार तक फरिश्ते रोज़ादार लिए इसतग़फार करते रहते हैं। इस महीने में शैतानों को कैद कर दिया जाता है और रमज़ान की आखिरी रात में रोज़ा रखने वालों को माफ़ कर दिया जाता है।
मौलाना सैफ अब्बास ने आगे कहा कि रमज़ान के महीने में गरीबों, जरूरतमंदों और अनाथों की मदद का विशेष ध्यान रखना चाहिए. और उन लोगों की आर्थिक मदद करने की कोशिश करनी चाहिए जिनके पास सहरी और इफ्तार के लिए पैसे नहीं हैं। यह इबादत का सबसे अच्छा काम है क्योंकि अल्लाह के बंदे को खुश करना अल्लाह के करीब होने को बेहतरीन अवसर है।
———–