बिना वुजू के रोजा इफ्तार कर सकते है.लेकिन वुजू के साथ करे तो ज्यादा अच्छा है।मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली

लखनऊ, 16 मार्च।

रमजान हेल्पलाइन देश में इस किस्म की पहली हेल्पलाइन है। इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के तहत् दारूल निजामिया फरंगी महल में रोजेदारों की दीनी और शरअई रहनुमाई के लिए वर्ष 2001 में रमजान हेल्पलाइन कायम की गयी थी जिसकी मकबूलियत खुदा पाक के करम से आज भी बरकरार है।

इस हेल्प लाइन से लोग फोन और e-mail के जरिए रोजा, नमाज, जकात ऐतिकाफ और दूसरे सवालात मुल्क और बाहर के मुल्कों से भी करते है। इन सवालात के जवाब मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में उलमा का एक पैनल देता है, लोग इन नम्बरों 9415023970, 9335929670, 9415102947, 7007705774, 9140427677 और e-mail: ramzanhelpline2005@gmail.com और वेब साइट, www.farangimahal.in पर सवाल पूछ सकते हैं।

सवाल: 1 एक शख्स ने लगभग छः सालों से हज के लिए कुछ रकम निकाल कर रख दी है और वह इस साल हज पर जाना चाहते हैं तो क्या इस रकम पर तमाम पिछले सालों की जकात वाजिब है?

जवाब : 1 जब तक वह रकम खर्च न हो जाये उस वक्त तक तमाम पिछले सालों की जकात वाजिब है।

सवाल 2 एक शख्स जिसको मिर्गी का मर्ज है और रोज़े के दौरान उसे दौरा पड़ जाए तो क्या रोज़ा टूट जायेगा?

जवाब: 2 रोज़ा नही टूटेगा।

सवाल 3 क्या बिना वुजू के रोजा इफ्तार कर सकते है?

जवाब: 3 जी हाँ कर सकते है लेकिन वुजू के साथ करे तो ज्यादा अच्छा है।

सवाल 4 किया तसवीर वाले कपड़े पहन कर नमाज पढ़ सकते है?

जवाब: 4 नही पढ़ सकते है।

सवाल: 5 किया जकात की रकम से कब्रिस्तान की बाउण्ड्री वगैरा बनवा सकते हैं?

जवाब: 5 नही बनवा सकते हैं।