बज़्मे क़ुराने करीम का आयोजन
लखनऊ, 19 अप्रैल। ‘‘ विलायत टी0वी0, ऐनुल हयात ट्रस्ट, विलायत क़ु़रान, इदाराए इस्लाह तथा हुदा मिशन द्वारा संयुक्त रूप से 19 अप्रैल 2022 को जामा मस्जिद, तहसीन गंज, चौक, लखनऊ में रात्रि 9.30 से बज़्मे क़ुरान का आयोजन। जिसमें ईरान से आए क़ारी रसूल दोस्त मोहम्मदी साहब के अलावा क़ारी बदरुद्दुजा साहब (उस्ताद, फ़ुरक़ानिया मदरसा), क़ारी अली मोहम्मद मारूफ़ी साहब (तनज़ीमुल मकातिब) क़ारी अब्दुल रहमान साहब (मदरसा मोहम्मदिया इस्लामिया), क़ारी यहिया साहब, क़ारी अब्दुल ख़बीर फ़ुरख़ानी नदवी साहब ने अपनी मनमोहक एवं सुरीली आवाज़ और अति सुन्दर लहजे में क़ुराने करीम की तिलावत के प्रकाश से कार्यक्रम में उपस्थित श्रोताओं को आध्यात्मिक प्रकाश प्रदान करते हुए उनके मन को प्रसन्न कर दिया तथा सभी श्रोताओं ने मंत्रमुग्ध होकर उक्त पाठ का आनन्द उठाया। मंच का संचालन मौलाना हैदर अब्बास रिज़वी साहब ने किया। कार्यक्रम को विलायत क़ुरान के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया।
कार्यक्रम में ऐनुल हयात ट्रस्ट द्वारा आयोजित होने वाले ‘‘दीन और हम’’ के अल्पावधि धार्मिक कोर्स के छात्रों, मेहदवी समाज द्वारा आयोजित होने वाले धार्मिक क्लासेज़ के छात्र-छात्राओं तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपनी रूचि का परिचय दिया। जिनमें मुख्य रूप से मौलाना जाबिर जौरासी, मौलाना मन्ज़र सादिक़, मौलाना साबिर अली इमरानी, मौलाना अली अब्बास ख़ान, मौलाना अक़ील अब्बास मारूफ़ी, मौलाना हसनैन बाक़री, मौलाना अदील असग़र काज़मी, मौलाना मुशाहिद आलम, मौलाना इस्तिफ़ा रज़ा, मौलाना सक़लैन बाक़री एवं अन्य सम्मानित व्यक्ति उपस्थित रहे। सभी श्रोताओं का मानना था कि इस प्रकार के अधिक से अधिक आयोजन किये जाने की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि रमज़ान के पवित्र माह में पवित्र क़ुरान की तिलावत सामान्य दिनों से अधिक की जाती है एवं पवित्र क़ुरान की तिलावत का महत्व भी अत्यधिक बढ़ जाता है। इस माह में मुसलमान कम से कम एक बार क़ुरान को पूरा पढ़ने का प्रयास करते हैं। वहीं जो व्यक्ति पवित्र क़ुरान को कंठस्थ कर सुन्दर एवं सुरीली आवाज के साथ इसकी तिलावत करते हैं उन्हें क़ारी कहा जाता है तथा उनकी क़िरअत को सुनने के लिये लोगों में विशेष रूचि देखने को मिलती है।
जामा मस्जिद, तहसीन गंज, चौक, लखनऊ में बज़्मे क़ुराने करीम का आयोजन किया गया
